सिटी काउंसिल की बैठक में बहस के दौरान दलित कार्यकर्ता की हुई मौत
कैलिफोर्निया विधानसभा में कास्ट डिस्क्रीमिनेशन यानी जातिगत भेदभाव के लिए लाए गए विधेयक के खिलाफ लड़ने वाले एक प्रमुख भारतीय-अमेरिकी दलित कार्यकर्ता की बीते दिनों दिल का दौरा पड़ने से मृत्यु हो गई। मिलिंद मकवाना क्यूपर्टिनो में एक सिटी काउंसिल की बैठक में इस विधेयक के खिलाफ बोल रहे थे जब उन्हें दिल का दौरा पड़ा। मकवाना की मौत से हिंदू अमेरिकी समुदाय में शौक की मानों लहर दौड़ गई है।
We lost a Milind Makwana earlier this week. Thousands of Milind Makwana are now engaged to continue Milind's cause against injustice and Adharma! Milind's spirit will live through each of us! pic.twitter.com/hjSwpbmFgU
— 🇺🇸 Rishi Kumar for Congress 🇺🇸 (@rishikumar1) July 22, 2023
मिलिंद मकवाना के करीबी दोस्तों और परिवारजनों के अनुसार मकवाना ने 18 जुलाई को कैलिफोर्निया राज्य विधानसभा में जाति-विरोधी भेदभाव विरोधी बिल SB403 के खिलाफ हुई सिटी काउंसिल की बैठक में अपने विचार रखे थे। पूरे दिन उन्होंने विभिन्न बैठकों और नगर परिषद की सुनवाई में हिस्सा लिया और विधेयक के खिलाफ अपना पक्ष खुलकर रखा कि यह विधेयक दलित विरोधी है। बहस के कुछ ही देर बाद वह बेहोश हो गए।
हिंदू स्वयंसेवक संघ HSS द्वारा जारी किए गए बयान में मकवाना की पत्नी पूर्वी मकवाना ने कहा कि मिलिंद का यह स्पष्ट विश्वास था कि दलित और बहुजन भी हिंदू हैं। वह वंचित समुदायों के लिए न्याय को लेकर भावुक थे और सभी समुदायों के बीच आपसी विश्वास और सद्भाव कायम करना चाहते थे। पूर्वी ने कहा कि वह अपना पूरा जीवन धर्म के लिख खड़े रहे। पूर्वी कहती हैं कि मैं समुदाय से मिलिंद के लिए न्याय, सद्भाव और धर्म को लेकर उनके सपनों का समर्थन करने और उसे आगे बढ़ाने का आग्रह करती हूं।
बता दें कि पिछले सप्ताहांत में समुदाय ने एक धन संचयन शुरू किया था जिसमें 2,80,000 अमेरिकी डॉलर से अधिक जुटाए गए थे। HSS ने एक बयान में कहा कि विदेशी जमीं पर रहना, आगे बढ़ना और आत्मसात होना किसी भी अप्रवासी समुदाय के लिए एक चुनौती है। हिंदू समुदाय इसमें अपवाद नहीं है। मिलिंद कैलिफोर्निया के SB403 विधेयक से अत्यधिक सतर्क और चिंतित हो गए थे। इस विधेयक में हिंदू अमेरिकी समुदाय को जातीय आधार पर विशेष रूप से निशाना बनाया गया है।