टाइगर्स के शानदार नजारों के लिए भारत में ये हैं 10 सबसे मशहूर पार्क

अगर आपको जानवरों से प्रेम है और खतरनाक जानवरों को अपनी आंखों से देखने में आपको रोमांच महसूस होता है तो निश्चित है टाइगर का नजारा करना आपको अच्छा लगेगा। भारत में ऐसी कई जगहें हैं, जहां पर आप इस बिग कैट को रूबरू होकर देख सकते हैं। भारत में वर्ष 1973 में प्रोजेक्ट टाइगर शुरू किया गया था। उत्तराखंड के जिम कॉर्बेट नेशनल पार्क से इसकी शुरुआत हुई थी। 2023 में इसके 50 वर्ष पूरे हो रहे हैं। हम यहां पर भारत की ऐसी 10 जगहों के बारे में बता रहे हैं, जहां पर आप इस शाही जीव का नजारा कर सकते हैं।

जिम कॉर्बेट पार्क से हुई थी टाइगर प्रोजेक्ट की शुरुआत। Photo by Ratanjot Singh / Unsplash

जिम कॉर्बेट नेशनल पार्क
उत्तराखंड के जिम कॉर्बेट नेशनल पार्क से ही प्रोजेक्ट टाइगर की शुरुआत हुई थी। यहां पर भारत में बाघ की सबसे बड़ी आबादी है। यह राष्ट्रीय उद्यान शिवालिक की पहाड़ियों में बसा है। बाघों के अलावा यह हाथियों, भालू और तेंदुआ बिल्लियों सहित अन्य जानवरों का घर है। पक्षियों की कई दुर्लभ प्रजातियों को भी आप यहां पर देख सकते हैं।

बांधवगढ़ नेशनल पार्क
बांधवगढ़ राष्ट्रीय उद्यान मध्य प्रदेश में विंध्य में है। यह अंतरराष्ट्रीय पर्यटकों में भी खासा लोकप्रिय है। यहां पर भारत में टाइगर की सबसे बड़ी आबादी रहती है। बांधवगढ़ के मैदान में सफेद बाघ भी विचरण करते नजर आते हैं। इसके उष्णकटिबंधीय वन वन्यजीव प्रेमियों के लिए एक बड़ा आकर्षण हैं।

बांधवगढ़ पार्क सफेद शेरों की शरणस्थली है। Photo by Juan Camilo Guarin P / Unsplash

कान्हा टाइगर रिजर्व
मध्य प्रदेश में कान्हा टाइगर रिजर्व देश के सबसे खूबसूरत और विशाल जंगलों में से एक है। इसी जंगल ने रुडयार्ड किपलिंग को द जंगल बुक के लिए प्रेरित किया था। इसके विशाल घास के मैदानों में बताने के लिए कई किस्से हैं। इनमें बाघों की शाही दहाड़ की बहुत सी कहानियां छिपी हैं। बारहसिंघे भी यहां पर आपको अच्छी तादाद में दिख सकते हैं।

रणथंभौर राष्ट्रीय उद्यान
राजस्थान का रणथंभौर वन्यजीव प्रेमियों के लिए एक नगीने की तरह है। यह जगह बाघों के लिए प्रसिद्ध है। ये टाइगर आपको जंगल में या रणथंभौर किले की प्राचीर के आसपास कहीं भी दिख सकते हैं। यहां तक ​​कि किले के बगीचों में भी बाघों को घूमते देखा गया है। यह ऐसी जगह है जहां का राजस्थानी आतिथ्य भी आपका दिल खुश कर देगा।

सतपुड़ा उद्यान बाघों का रोमांच बढ़ाता है। Photo by Ranae Smith / Unsplash

सतपुड़ा राष्ट्रीय उद्यान
मध्य प्रदेश के सतपुड़ा भी कई शाही बिल्लियों का घर है। यहां पर दूर-दूर से वन्यजीव फोटोग्राफर खूबसूरत नजारों को अपने कैमरों में कैद करने आते हैं। यहां के नाटकीय नजारे बाघ नजर आने का रोमांच और बढ़ा देते हैं। लेकिन यहां पर आपको तेंदुओं से सावधान रहना होगा।

वाल्मीकि टाइगर रिजर्व
बिहार का वाल्मीकि टाइगर रिजर्व एक गुप्त खजाना है। यह वन्यजीव पर्यटन में सबसे कम चर्चा वाले स्थानों में से एक है। यहां पर 40 से अधिक टाइगर और अन्य प्रजातियों के जीव रहते हैं। यह नेपाल के बहुप्रसिद्ध चितवन राष्ट्रीय उद्यान के पास है। अगर आप भीड़ से दूर जंगल सफारी का आनंद लेना चाहते हैं तो यहां जा सकते हैं। यहां आपको गैंडे, काले भालू, भारतीय गौर, तेंदुए जैसे जानवर भी दिखेंगे।

ताडोबा-अंधारी टाइगर रिजर्व में बाघ खूब हैं। Photo by Frida Lannerström / Unsplash

ताडोबा-अंधारी टाइगर रिजर्व
महाराष्ट्र में बने इस रिजर्व में बाघों की अच्छी खासी तादाद है। आपको यहां आसानी से टाइगर नजर आ सकते हैं। इसका सूखा पर्णपाती जंगल भारत के कुछ सबसे प्रसिद्ध जानवरों का घर है। नागपुर से लगभग 150 किमी की दूरी पर यह जगह टाइगर रिजर्व की यात्रा शुरू करने के लिए शानदार जगह है।

बांदीपुर राष्ट्रीय उद्यान
यह पार्क कर्नाटक में नीलगिरि बायोस्फीयर रिजर्व का एक हिस्सा है। इसे देश के सबसे खूबसूरत राष्ट्रीय उद्यानों में से एक माना जाता है। यह मैसूरु-ऊटी राजमार्ग पर स्थित है। उत्तराखंड के जिम कॉर्बेट नेशनल पार्क के बाद भारत में सबसे ज्यादा टाइगर यहीं पर हैं। 1973 में इसे प्रोजेक्ट टाइगर के तहत टाइगर रिजर्व बनाया गया था।

मानस राष्ट्रीय उद्यान में लुप्तप्राय बंगाल टाइगर मिलते हैं। Photo by Efe Yağız Soysal / Unsplash

मानस राष्ट्रीय उद्यान
असम में स्थित मानस नेशनल पार्क टाइगर देखने के लिए सही जगह है। यदि आपको कुछ साहसिक मिशन की तलाश है तो 500 वर्ग किमी में फैली यह जगह आपके लिए अच्छा विकल्प है। यहां पर लुप्तप्राय बंगाल टाइगर अच्छी संख्या में हैं। यहां हाथी भी बहुतायत में मिलते हैं।

दुधवा राष्ट्रीय उद्यान
दुधवा राष्ट्रीय उद्यान उत्तर प्रदेश के तराई क्षेत्र में स्थित है और भारत में टाइगर को देखने की मशहूर जगह है। 493 वर्ग किमी में फैले इस पार्क में 100 से अधिक बाघ हैं। तेंदुए, गैंडे, बारहसिंघा और पक्षियों की 350 से अधिक प्रजातियां यहां आपका इंतजार कर रही हैं।