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ये हैं भारत के टॉप मानसूनी व्यंजन, जानिए इनके बारे में और स्वाद भी लीजिए

यहां खास बात यह है कि चाय और पकोड़े मानसून स्पेशल नहीं थे। लेकिन समय के साथ दोनों ने ही बारिश के दिनों में सबसे पसंदीदा स्नैक का तमगा हासिल किया है। अब सवाल यह उठता है कि असल में मानसून के मौसम में सबसे बेहतर खाने वाला क्या है।

Photo by Sonika Agarwal / Unsplash

भारत में मानसून का मौसम आ चुका है। फ्राइड फिश से लेकर अनारसा, बटरनट स्क्वॉश और बार्ले तक बारिश के दिनों में लोगों को इस मौसम में खास स्वाद देने वाले व्यंजन तैयार करने में लगे हुए हैं। मानसून का असली मजा चाय और पकौड़े के साथ है। देश के विभिन्न हिस्सों में पकोड़े को वड़ा या भजिया भी कहा जाता है।

यहां खास बात यह है कि चाय और पकौड़े मानसून स्पेशल नहीं थे। लेकिन समय के साथ दोनों ने ही बारिश के दिनों में सबसे पसंदीदा स्नैक का तमगा हासिल किया है। अब सवाल यह उठता है कि असल में मानसून के मौसम में सबसे बेहतर खाने वाला क्या है। अधिकतर मौसमों की तरह मानसून अपनी अलग सामग्रियों और व्यंजनों के साथ आता है। उदाहरण के तौर पर मशरूम और कई हरी व जड़ों वाली सब्जियां इस दौरान खूब होती हैं। पूर्वी भारत की पहली बारिश के दौरान जगह-जगह मशरूम उगे देखे जा सकते हैं।

मानसून के दौरान बावर्ची ऐसा एक व्यंजन बनाने में खूब आनंद उठाते हैं। इसका नाम मुढी घोंटो (Mudhi Ghonto) है। इसे बंगाली और ओडिया दोनों तरीकों से बनाया जाता है। photo: traveldine.com

पाककला के विशेषज्ञों का कहना है कि मानसून ऐसा मौसम होता है जिस दौरान हम न केवल सब्जियों, ड्राई फिश और मशरूम के अद्भुत स्वाद का अनुभव कर सकते हैं बल्कि मसालेदार मस्टर्ड, मिर्चियों और मसालों का लुत्फ उठा सकते हैं।

मानसून के दौरान बावर्ची ऐसा एक व्यंजन बनाने में खूब आनंद उठाते हैं। इसका नाम मुढी घोंटो (Mudhi Ghonto) है। इसे बंगाली और ओडिया दोनों तरीकों से बनाया जाता है। दोनों में मछली के सिर और पूंछ का हिस्सा स्वाद के लिए इस्तेमाल किया जाता है। बंगाल में जहां चावल और मौसमी सब्जियों के साथ यह बनती है वहीं ओडिशा में जड़ वाली सब्जियों और पारंपरिक सामग्रियों के साथ इसे तैयार किया जाता है।

फिश रो फ्रिटर भी मानसून के लिए परफेक्ट डिश मानी जाती है। photo: traveldine.com

फिश रो फ्रिटर भी मानसून के लिए परफेक्ट डिश मानी जाती है। अधिकांश बंगालियों और ओडिया लोगों के लिए मानसून का मतलब इस लजीज व्यंजन से होता है। इस मौसम में इसका सबसे बेहतर स्वाद मिलता है। यह व्यंजन अलग-अलग तरीकों से महाराष्ट्र और गोवा में भी खूब बनता है।

एक और व्यंजन है शेल्वा या जंगली सुरान जिसके लिए मानसून के मौसम को बेहतरीन माना जाता है photo: traveldine.com

एक और व्यंजन है शेल्वा या जंगली सुरान जिसके लिए मानसून के मौसम को बेहतरीन माना जाता है। इसे भाजी या सूखे झींगे के साथ खाया जाता है। असम में मानसून के दौरान मोरिंगा की पत्तियां, मस्टर्ड ग्रीन्स के साथ कद्दू की पत्तियां, कटहल के बीच, एलीफेंट एपल, फिडलहेड फर्न्स और छोटी बोरियाला मछली बहुतायत में रहती हैं। इस मौसम के दौरान ये वस्तुएं यहां के लोगों के दैनिक भोजन में शामिल रहती हैं। इस दौरान टैंगी फिश करी बेहद स्वादिष्ट होती है।

इसके अलावा मानसून के दिनों में कटहल को फ्राई करके मसाला फ्राई या रवा फ्राई के साथ पेश किया जाता है। ये बेहद क्रिस्पी और स्वादिष्ट होता है। सबसे अच्छी बात यह है कि इसे डीप फ्राई नहीं किया जाता। मानसून में बनने वाली एक और डिश है सुंगता एन भेंडे कोडी (झींगा और भिंडी की करी)। इसे गोवा के चावल के साथ परोसा जाता है।

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