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ये डॉक्युमेंट्री करती है हिंदू पवित्र चिन्ह को नाज़ी जर्मनी से जोड़ने का पर्दाफाश

आखिर क्यों हिंदू धर्म के इस पवित्र स्वस्तिक चिह्न को तानाशाह हिटलर के साथ जोड़ा जाता है, और क्यों दुनिया के लोग इस चिह्न को नफरत और हिंसा का प्रतीक मानते है? कैसे हिटलर ने लगभग 60 लाख यहूदियों को इस चिह्न के नीचे मौत के घाट उतार दिया और सबसे बड़ा सवाल है, कि इसमें कितनी सत्यता है?

सनातन हिंदू धर्म का अनुसरण करने वाले घरो में आज भी नए वाहन के आगमन पर, नए कम्प्यूटर की खरीद पर, बहीखातों पर और अन्य महत्वपूर्ण धार्मिक आयोजनों के अवसरो पर एक चिह्न का प्रयोग किया जाता है, यह चिह्न शुभ लाभ और सुख समृद्धि का प्रतीक है, जिसे हम स्वस्तिक चिह्न के रूप में जानते है। लेकिन क्या आपको पता है, कि हिंदू धर्म में दिव्य और पवित्रता के इस प्रतीक चिह्न को दुनिया के अधिकतर लोग घृणा के रूप में देखते है।

आखिर क्यों हिंदू धर्म के इस पवित्र स्वस्तिक चिह्न को तानाशाह हिटलर के साथ जोड़ा जाता है, और क्यों दुनिया के लोग इस चिह्न को नफरत और हिंसा का प्रतीक मानते है? कैसे हिटलर ने लगभग 60 लाख यहूदियों को इस चिह्न के नीचे मौत के घाट उतार दिया और सबसे बड़ा सवाल है, कि इसमें कितनी सत्यता है?

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