भारत का वो व्यापारी जो मुगलों और ब्रिटिश को देता था उधारी

भले ही भारत को स्वतंत्रता 1947 में ही मिली हो लेकिन यह एक सच्चाई है कि भारतीय हमेशा व्यापार में बहुत सक्रिय रहे हैं और भारत ने दुनिया को एक से बढ़कर एक व्यवसायी दिए हैं। आज के दौर में भारत में मुकेश अंबानी और गौतम अडानी का नाम चर्चित है, जो दुनिया के सबसे रहीस लोगों में गिने जाते हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं कि भारत के इतिहास में भी एक कारोबारी ऐसा रहा जो मुगलों और ब्रिटिश को उधार दिया करता था।

जी हां, उनका नाम था वीरजी वोरा। मुगल शासन के दौरान वीरजी वोरा एक बड़ा नाम थे। उन्हें ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी द्वारा दुनिया का अब तक का सबसे अमीर व्यापारी कहा जाता है। जानकारों के अनुसार वीरजी वोरा 1617 से 1670 के बीच ईस्ट इंडिया कंपनी के बड़े फाइनेंसर थे।

1590 में जन्मे वीरजी वोरा का 1670 में निधन हो गया था। वह एक थोक व्यापारी थे और रिपोर्टों के अनुसार उस समय उनकी व्यक्तिगत संपत्ति लगभग 80 लाख रुपये थी, जिसका अर्थ है कि वे निस्संदेह भारत के अब तक के सबसे अमीर व्यापारी थे। ऐतिहासिक पत्रिकाओं के अनुसार वीरजी वोरा काली मिर्च, सोना, इलायची समेत कई उत्पादों का कारोबार करते थे।

साल 1629 और 1668 के बीच वीरजी वोरा का अंग्रेजों के साथ बहुत व्यापार था। Photo by British Library / Unsplash

साल 1629 और 1668 के बीच वीरजी वोरा का अंग्रेजों के साथ बहुत व्यापार हुआ करता था और इससे उन्हें अपना व्यापारिक साम्राज्य बनाने में मदद मिली। वीरजी वोरा एक ‘एकमात्र एकाधिकारवादी’ थे यानी वह किसी भी बाजार में अपना वर्चस्व बनाए रखते थे। इसी वजह से वह अक्सर किसी उत्पाद के पूरे स्टॉक को खरीदते थे और उन्हें भारी लाभ पर बेचते थे।

वीरजी वोरा व्यापारी होने के साथ-साथ एक साहूकार भी थे और वह अक्सर उन अंग्रेज पुरुषों को पैसे उधार देते थे जो अपने निजी व्यवसाय को आगे बढ़ाने के इच्छुक थे। ऐसा कहा जाता है कि जब मुगल बादशाह औरंगजेब भारत के दक्कन क्षेत्र को जीतने के लिए अपने युद्ध के दौरान वित्तीय संकट का सामना कर रहा था तो उसने अपने दूत को वीरजी वोहरा के पास पैसे मांगने के लिए भेजा था। वीरजी वोहरा ने एक बार मुगल बादशाह शाहजहां को भी चार अरबी घोड़े भेंट किए थे।

#Indiarichestbusinessman #richestbusinessmanofIndia #GautamAdani #MukeshAmbani #DheerubhaiAmbani #RatanTata #Indiarichesttrader #India #Indian