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श्रीराम की अयोध्या वापसी ही नहीं, इन कारणों से भी मनाई जाती है दिवाली

दीवाली को लेकर सबसे लोकप्रिय कथा यही है कि इस दिन भगवान श्रीराम अपनी पत्नी सीता और भाई लक्ष्मण के साथ लंका में रावण का वध करने के बाद और अपने वनवास की अवधि पूरी करने के बाद अयोध्या लौटे थे लेकिन दिवाली से जुड़ी हुई कई और कहानियां भी हैं।

Photo by Udayaditya Barua / Unsplash

भारत में मनाए जाने वाले त्योहारों में दिवाली बहुत खास है। दीवाली को लेकर सबसे लोकप्रिय कथा यही है कि इस दिन भगवान श्रीराम पत्नी सीता और भाई लक्ष्मण के साथ लंका में रावण का वध करने के बाद और वनवास की अवधि पूरी करने के बाद अयोध्या लौटे थे। अयोध्या के लोगों ने उनके स्वागत में हर जगह घी के दीये जलाए थे। तभी से हर साल यह त्योहार मनाया जाता है। लेकिन दिवाली से जुड़ी कई और कहानियां भी हैं जिनके बारे में लोगों को पता नहीं है। आज इस रिपोर्ट में हम आपको बतएंगे ऐसी ही कुछ कहानियों के बारे में।

दिवाली से जुड़ी हुई कई और कहानियां भी हैं जिनके बारे में लोगों को पता नहीं है। Photo by Suchandra Roy Chowdhury / Unsplash

पारंपरिक रूप से दिवाली का त्योहार पांच दिन तक मनाया जाता है। पहला दिन धन्वंतरि त्रयोदशी यानी धनतेरस कहलाता है। कहा जाता है कि इसी दिन औषधियों के देवता धन्वंतरि आयुर्वेद के विज्ञान के साथ समुद्र से बाहर निकले थे। दीवाली का दूसरा दिन नरक चतुर्दशी होता है। तीसरे दिन लक्ष्मी पूजा होती है और चौथे दिन गोवर्धन की पूजा की जाती है। इसी दिन भगवान कृष्ण ने बृज के लोगों से बारिश के लिए इंद्र की पूजा करने के बजाय गोवर्धन पर्वत की पूजा करने के लिए कहा था।

पांचवां दिन भाईयों और बहनों को समर्पित है जिसे भाई दूज के नाम से मनाया जाता है। यह त्योहार इस मान्यता पर आधारित है कि वैदिक काल में मृत्यु के देवता यम एक बार अपनी बहन यमुना से मिलने गए थे। यम ने यमुना को वरदान दिया था कि इस दिन जो भी भाई अपनी बहन से मिलने जाएगा, उसे सभी पापों से मुक्ति मिल जाएगी और वह मोक्ष प्राप्त करेगा।

दिवाली को लेकर प्रचलित कुछ कहानियां इस तरह हैं-  

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