विवेक अग्निहोत्री की फिल्म 'द कश्मीरी फाइल्स' एक बार फिर सुर्खियों में है। लेकिन इस बार भारत में नहीं बल्कि विदेशी सरजमीं पर। दरअसल 1990 के दशक में घाटी से कश्मीरी हिंदुओं के पलायन पर आधारित इस फिल्म को सिंगापुर में प्रतिबंधित किया जाएगा। सिंगापुर के इंफोकॉम मीडिया डेवलपमेंट अथॉरिटी (IMDA), संस्कृति, समुदाय और युवा मंत्रालय (MCCY) और गृह मंत्रालय (MHA) ने एक संयुक्त बयान में कहा कि हिंदी भाषा में बनी यह फिल्म सिंगापुर के फिल्म से जुड़े दिशा-निर्देशों से परे है।
इन सभी विभागों के अधिकारियों ने सिंगापुर के एक न्यूज चैनल को बताया कि फिल्म में मुसलमानों के उत्तेजक और एकतरफा चित्रण को दर्शाया गया है। फिल्म में विभिन्न समुदायों के बीच दुश्मनी पैदा करने और हमारे बहुजातीय और बहु-धार्मिक समाज में सामाजिक एकता और धार्मिक सद्भाव को बाधित करने की क्षमता है। ऐसे में इस फिल्म को मान्यता नहीं दी जाएगी।
अग्निहोत्री द्वारा लिखित और निर्देशित इस फिल्म में अनुपम खेर, मिथुन चक्रवर्ती और पल्लवी जोशी मुख्य भूमिकाओं में हैं। इस बीच विवेक अग्निहोत्री ने हाल ही में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान आरोप लगाया कि विदेशी मीडिया का एक वर्ग उनकी फिल्म 'द कश्मीर फाइल्स' के खिलाफ अंतरराष्ट्रीय राजनीतिक अभियान चलाने का प्रयास कर रहा है। अग्निहोत्री ने दावा किया कि उनकी फिल्म के ऐतिहासिक सफलता के तुरंत बाद विदेशी मीडिया प्रकाशनों ने महसूस किया कि यह फिल्म उनके नैरेटिव को नष्ट कर देगी।
उन्होंने कहा कि सच्चाई की जांच किए बिना अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारत की छवि खराब करने वाले हर बड़े खिलाड़ी ने मुझे फोन करना शुरू कर दिया और उनका सवाल केवल हिंदू-मुस्लिम था। किसी ने भी मुझसे उन सभी पीड़ितों के बारे में पूछने की जहमत नहीं उठाई, जिनका मैंने इस फिल्म के लिए साक्षात्कार किया था। किसी ने भी मुझसे फिल्म में दिखाए गए तथ्यों के बारे में पूछने की कोशिश नहीं की कि क्या वे सही हैं या गलत।
अग्निहोत्री ने कहा कि फिल्म के खिलाफ एक अंतरराष्ट्रीय राजनीतिक अभियान चल रहा है। वे हमें इस्लामोफोबिया के लिए दोषी ठहराते हैं। मैं स्पष्ट रूप से रिकॉर्ड में रखता हूं कि एक अंतरराष्ट्रीय राजनीतिक साजिश के तहत इस्लामोफोबिया को मेरी फिल्म के खिलाफ एक राजनीतिक हथियार के रूप में इस्तेमाल किया जा रहा है। यह फिल्म वास्तव में आतंकवाद विरोधी है। फिल्म में एक बार भी मुस्लिम शब्द का इस्तेमाल नहीं किया गया है। फिल्म में पाकिस्तान या पाकिस्तानी शब्द का इस्तेमाल नहीं किया गया है। यह एक आतंकवाद विरोधी फिल्म है।