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ग्लोबल कश्मीरी पंडित डायस्पोरा ने 'अपनी फिल्म' के कलाकारों को किया सम्मानित

कार्यक्रम में ​फिल्म के प्रमुख कलाकार अनुपम खेर और पल्लवी जोशी के अलावा निर्देशक विवेक अग्निहोत्री भी मौजूद थे। कार्यक्रम में मौजूद केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने कहा कि 'द कश्मीर फाइल्स' ने घाटी के असली इतिहास को सामने लाया है। इस फिल्म को लंबे समय तक याद रखा जाएगा।

ग्लोबल कश्मीरी पंडित डायस्पोरा (GKPD) ने भारत की राजधानी दिल्ली के इंडिया इंटरनेशनल सेंटर में द कश्मीरी फाइल्स के कलाकारों को सम्मानित करने के लिए एक कार्यक्रम का आयोजन किया। कार्यक्रम में मोदी सरकार में केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी भी मौजूद थे।

ग्लोबल कश्मीरी पंडित डायस्पोरा के इस कार्यक्रम में मौजूद केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने कहा कि 'द कश्मीर फाइल्स' ने घाटी के असली इतिहास को सामने लाया है। इस फिल्म को लंबे समय तक याद रखा जाएगा। कश्मीरी पंडितों के इतिहास की एक महान पृष्ठभूमि है।

गडकरी ने कहा कि यह सच है कि कश्मीरी पंडितों को परेशान किया गया और उन्हें (घाटी से) बाहर जाने के लिए मजबूर किया गया। विवेक अग्निहोत्री ने कश्मीरी पंडितों की दुर्दशा को सही ढंग से चित्रित किया है। मैं उन्हें इतिहास पर दोबारा गौर करने के लिए बधाई देता हूं।

इस कार्यक्रम में ​फिल्म के प्रमुख कलाकार अनुपम खेर और पल्लवी जोशी के अलावा निर्देशक विवेक अग्निहोत्री भी मौजूद थे। गडकरी की उपस्थिति में ग्लोबल कश्मीरी पंडित डायस्पोरा (जीकेपीडी) द्वारा 'द कश्मीर फाइल्स' के कलाकारों और निर्देशक को सम्मानित किया गया। इस कार्यक्रम में राजनीतिक दल भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता श्याम जाजू भी मौजूद थे।

गडकरी ने यह भी कहा कि अग्निहोत्री ने जिस तरह से फिल्म का निर्देशन किया है उन्होंने जनता के सामने सच्चाई और वास्तविक कहानी पेश की है। गडकरी ने कहा कि यह फिल्म लंबे समय तक याद रखी जाएगी। फिल्म नई पीढ़ी को कश्मीरी पंडितों के इतिहास से भी अवगत कराएगी। मैं इसके लिए विवेक अग्निहोत्री को धन्यवाद देता हूं। बता दें कि कश्मीरी फाइल्स अभी तक 300 करोड़ रुपये तक का कारोबार कर चुकी है और इस फिल्म को विश्वभर में काफी सराहा जा रहा है।

इस मौके पर कश्मीरी पंडितों को संबोधित करते हुए अनुपम खैर ने कहा कि मैं कश्मीर जाऊंगा और इस बार अपनी मां को भी। वह बार बार कहती रहती है कि कब हम कश्मीर जाएंगे। हमें आगे के लिए सकारात्मक सोचना चाहिए। अगले 50 साल में आगे की पीढ़ी वो दिन देखे जब पूरे कश्मीर में कश्मीरी पंडित उन्हें दिखाई दें।

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