FTX क्रिप्टो करंसी घोटालाः निषाद सिंह की लंबी रेस पर लगा विराम

21 अगस्त, 2011 का दिन। निषाद सिंह ने अमेरिका में अनोखी उपलब्धि हासिल की। वह 30 घंटे से भी कम समय में 100 मील की दौड़ पूरी करने वाले अमेरिका के दो बच्चों में से एक था। कैलिफोर्निया के सैन मेटियो में रन डी वॉस में हुई इस रेस टखने के आखिरी 28 मील की दूरी निषाद ने टखने की चोट के कारण मोजे पहनकर पूरी की थी। इसके एक दिन बाद उसने इस संवाददाता से कहा था, "मैं बहुत थका हुआ हूं लेकिन यह थकान भी अच्छी है। लंबी दूरी की दौड़ के अपने कई फायदे होते हैं।

निषाद सिंह, बीच में, परिवार के साथ, 2011 में 100 मील की रेस पूरी करने के बाद। (फोटो, सौजन्य सिंह परिवार)

अब निषाद सिंह एक बार फिर गलत वजहों से चर्चा में है। 27 साल के निषाद सिंह ने हाल ही में अरबों डॉलर के एफटीएक्स क्रिप्टो करंसी घोटाले में अपना गुनाह कबूल किया है। यह अमेरिका के इतिहास में सबसे बड़े वित्तीय घोटालों में से एक है। एफटीएक्स पिछले साल नवंबर में 8 अरब डॉलर का नुकसान दिखाकर दिवालिया हो गई थी। इसके अलावा लाखों डॉलर का कोई हिसाब किताब ही नहीं था।

निषाद और सैम बैंकमैन-फ्राइड ने मिलकर एफटीएक्स की शुरुआत की थी। निषाद एफटीएक्स की सहयोगी अलमेडा रिसर्च में इंजीनियरिंग का निदेशक था। अब उसने वायर फ्रॉड, कमोडिटी धोखाधड़ी, प्रतिभूति धोखाधड़ी, मनी लॉन्ड्रिंग और वित्तीय नियम तोड़ने के आरोप कबूल कर लिए हैं। सैम के खिलाफ पुख्ता केस बनाने में जुटे अधिकारियों की इस तरह मदद के पीछे निषाद का मकसद अपनी सजा कम करवाना माना जा रहा है क्योंकि इन अपराधों में उसे 75 साल से अधिक की सजा हो सकती है।

निषाद की परवरिश कैलिफोर्निया के साराटोगा में हुई है। टोनी क्रिस्टल स्प्रिंग्स अपलैंड स्कूल वह और एफटीएक्स के संस्थापक सैम का भाई दोनों एकसाथ पढ़ते थे। 100 मील की रेस पूरी करने के बाद युवा निषाद ने तब इंटरव्यू में कहा था कि उसका अस्थमा हमेशा उसके एथलेटिक लक्ष्यों की राह में आड़े आ जाता है। वह एक गोल-मटोल बच्चा था और इसकी वजह से खेल की टीम में अक्सर उसे सबसे आखिर में चुना जाता था। अस्थमा से बचने के लिए निषाद ने रफ्तार के बजाय लंबी रेस पर फोकस किया। उसने अपनी मां के रनिंग कोच से ट्रेनिंग ली और खुद को अस्थमा मरीज से एथलीट में बदल लिया। उसने चैरिटी के लिए भी कई मैराथन दौड़ी हैं।

प्रतिभूति और विनिमय आयोग ने 28 फरवरी को निषाद सिंह के खिलाफ एक समानांतर शिकायत दर्ज की। आरोप लगाया कि उसी ने वो सॉफ्टवेयर कोड बनाया था, जिसके जरिए एफटीएक्स के ग्राहकों का पैसा चोरी छिपे अलमेडा रिसर्च तक पहुंचाया गया। एफटीएक्स के करोड़ों डॉलर अलमेडा को दिए जाने की भी उसे पूरी जानकारी थी। एफटीएक्स के डूबने से ऐन पहले उसने कई मिलियन डॉलर उससे निकाल लिए थे। इसमें से 6 मिलियन डॉलर तो घर खरीदने और चैरिटी में लगा दिए। इससे पहले भी वह एफटीएक्स से 543 मिलियन डॉलर बतौर लोन ले चुका था।

निषाद की इस हरकत से उसके दोस्त और परिवार के लोग हैरान हैं। उन्होंने न्यू इंडिया अब्रॉड से बातचीत में कहा कि उन्हें जब पता लगा था कि "प्यारा सा छोटा लड़का" इस तरह की बड़ी धोखाधड़ी में शामिल है, तो वह भौंचक्के रह गए थे। निषाद के एक परिवारिक दोस्त ने नाम न छापने की शर्त पर कहा कि निषाद एक भरोसेमंद और मददगार बच्चा था। उसे पैसों की जरूरत नहीं थी। कोई ऐसा सोच भी नहीं सकता था कि वह इस तरह के मामले में भी घिर सकता है।

उन्होंने कहा कि इस घटना से निषाद का पूरा परिवार हिल गया है। फिर भी अपने बेटे का सपोर्ट कर रहा है। वह वास्तव में एक छोटा प्यारा बच्चा था लेकिन बहुत जल्द ही बहुत बड़ा हो गया। एक अन्य मित्र ने नाम न छापने की शर्त पर कहा कि बड़ा होने पर भी निषाद दूसरों की भलाई को लेकर सोचता था। लेकिन जब हमारे बच्चे कॉलेज जाने लगते हैं, तो वो पूरी तरह से अलग बन जाते हैं। हम असल में पता ही नहीं चलता कि वो क्या बन गए हैं। फिर भी मुझे उम्मीद है कि निषाद जेल जाने से बच जाएगा।