किंग चार्ल्स तृतीय के राज्याभिषेक में सभी धर्मों के प्रतिनिधि शामिल होंगे

लंदन में हाउस ऑफ कॉमन्स के पास वेस्टमिनिस्टर एबे में 6 मई को ब्रिटेन के किंग चार्ल्स तृतीय और क्वीन कैमिला के राज्याभिषेक समारोह का आयोजन किया जा रहा है। समारोह में सभी धर्मों के प्रतिनिधियों को बुलाया गया है। ईसाई धार्मिक समारोह वाले समारोह में सभी धर्मों के लोगों को शामिल कर उनमें विश्वास का संदेश देने की एक कोशिश है। हाउस ऑफ लॉर्ड्स में पगड़ी पहनने वाले पहले सदस्य इंदरजीत सिंह सिख समुदाय का प्रतिनिधित्व करेंगे।

किंग चार्ल्स तृतीय इंग्लैंड के चर्च के प्रमुख के रूप में भी सेवा कर रहे हैं। यह पहली बार है कि विभिन्न धर्मों के साथी राज्याभिषेक समारोह के दौरान जुलूस का हिस्सा होंगे। 90 वर्षीय इंदरजीत सिंह के अलावा हाउस ऑफ लॉर्ड्स के 84 वर्षीय सदस्य नरेंद्र बाबूभाई पटेल हिंदू धर्म का प्रतिनिधित्व करेंगे। इनके अलावा लॉर्ड कमाल मुस्लिम समुदाय और यहूदियों का प्रतिनिधित्व बैरोनीस मेररॉन द्वारा किया जाएगा। हाउस ऑफ लॉर्ड्स यूनाइटेड किंगडम की संसद का ऊपरी सदन है।

पूर्व सांसद तरलोचन सिंह ने एक बयान में कहा कि महारानी एलिजाबेथ द्वितीय के अंतिम संस्कार में लॉर्ड इंदरजीत सिंह ने सिख समुदाय का प्रतिनिधित्व किया था। उन्होंने तत्कालीन प्रिंस ऑफ वेल्स चार्ल्स के बेटे की शादी में भी भाग लिया था। तरलोचन सिंह ने कहा कि सिख समुदाय ने सभी धर्मों को समान दर्जा देने के किंग चार्ल्स के फैसले की सराहना की है। हमें खुशी है कि ब्रिटेन सरकार ने इंदरजीत सिंह को सिख समुदाय का प्रतिनिधित्व करने के लिए नामित किया है।

तरलोचन सिंह ने कहा कि किंग चार्ल्स जो उस समय प्रिंस ऑफ वेल्स थे, ने अपनी पहली भारत यात्रा के दौरान अमृतसर में स्वर्ण मंदिर का दौरा किया था। उन्होंने अपनी दूसरी भारत यात्रा के दौरान दिल्ली स्थित बंगला साहिब में भी मत्था टेका था। वर्ष 1997 में महारानी एलिजाबेथ स्वर्ण मंदिर अमृतसर गईं थीं।

ब्रिटेन के शाही परिवार ने एक ट्वीट में कहा, राज्याभिषेक की सुबह महारानी एलिजाबेथ द्वितीय की हीरक जयंती के लिए 2012 में बनाए गए डायमंड जुबली स्टेट कोच में द किंग्स जुलूस में बकिंघम पैलेस से वेस्टमिंस्टर एब्बे तक जाएंगे।