26 जनवरी के बाद अयोध्या में रामलला के दर्शन कर सकेंगे अनिवासी भारतीय

भारत स्थित अयोध्या में प्रभु श्रीराम का दिव्य और भव्य मंदिर आकार ले रहा है। अगले साल जनवरी में प्रधानमंत्री मोदी रामलला को नए मंदिर में विराजमान करेंगे। श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट का कहना है कि नवनिर्मित राम मंदिर में रामलला के दर्शन करने के लिए 26 जनवरी, 2024 के बाद अनिवासी भारतीयों (NRI) को अयोध्या आमंत्रित किया जाएगा।

प्रधानमंत्री मोदी रामलला को नए मंदिर में विराजमान करेंगे। फोटो : @Indian_Analyzer

राम मंदिर का भव्य उद्घाटन 21 से 24 जनवरी के बीच प्रस्तावित है, जहां प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मुख्य अतिथि होंगे। ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय का कहना है कि बड़ी संख्या में एनआरआई ट्रस्ट के संपर्क में हैं। वे भगवान राम के दर्शन के लिए अयोध्या आना चाहते हैं। हमने उन्हें 26 जनवरी (2024) के बाद आमंत्रित करने का फैसला किया है।

उन्होंने कहा कि हरेक देश के प्रवासी भारतीयों के लिए उनकी अयोध्या यात्रा के लिए खास तारीख तय की जाएंगी। हालांकि ट्रस्ट तारीखें तय नहीं करेगा। हमने उनकी यात्रा के लिए तारीख तय करने का काम अनिवासी भारतीयों पर छोड़ दिया है। राय ने इस मुद्दे को समझाते हुए कहा कि अमेरिका के एनआरआई एक निश्चित तारीख और ब्रिटेन से किसी अन्य तारीख को यात्रा करेंगे।

इस बीच पूरे भारत से विश्व हिंदू परिषद के लगभग 150-200 स्वयंसेवक राज्य भर के पांच लाख गांवों में वितरण के लिए राम जन्मभूमि पर भगवान को चढ़ाए जाने वाले पवित्र अक्षत (चावल) को इकट्ठा करने के लिए 5 नवंबर को अयोध्या पहुंचेंगे। राय ने कहा कि ट्रस्ट ने देश को 45 इकाइयों (प्रांत) में विभाजित किया है। प्रत्येक इकाई से कम से कम दो स्वयंसेवक पांच नवंबर को अयोध्या पहुंचेंगे।

उन्होंने कहा कि ट्रस्ट प्रत्येक इकाई को पवित्र अनाज का पांच किलो का बैग सौंपेगा। अपने-अपने राज्यों में स्वयंसेवक अपनी आवश्यकता के अनुसार बड़ी मात्रा में अपने पवित्र अक्षत को मिलाएंगे। वैदिक रीति-रिवाजों के बाद इसे 1 जनवरी से वितरित किया जाएगा। यह अभियान अगले साल 15 जनवरी को समाप्त होगा।

अयोध्या में भव्य राम मंदिर के निर्माण की देखरेख करने वाले ट्रस्ट ने अगले साल जनवरी में होने वाले राम जन्मभूमि पर भगवान राम के अभिषेक समारोह से पहले देश भर के 500,000 गांवों में अक्षत वितरित करने का फैसला किया है।