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ऑस्ट्रेलिया में भारत के युवा सांसद तेजस्वी सूर्या के ऐसे बयानों का क्या अर्थ है?

न्यू साउथ वेल्स (एनएसडब्ल्यू) के पररामट्टा में आयोजित एक कार्यक्रम में बोलते हुए कर्नाटक में बीजेपी सांसद तेजस्वी सूर्या ने अमेरिकी लेखक विल डुरांट को उद्धृत किया। जिनके मुताबिक भारत पर इस्लामिक आक्रमण दुनिया के इतिहास का सबसे खूनी अध्याय है।

भारतीय संसद सदस्य और देश के प्रमुख राजनैतिक दल भारतीय जनता पार्टी के युवा इकाई के अध्यक्ष तेजस्वी सूर्या इन दिनों ऑस्ट्रेलिया के दौरे पर हैं। ऑस्ट्रेलिया में आयोजित एक कार्यक्रम में उन्होंने कहा कि दुनिया भर के हिंदुओं को हिंदू सभ्यता के उद्देश्यों के साथ ही भारत पर ‘सबसे खूनी’ इस्लामी आक्रमण के बारे में बहुत स्पष्ट रूप से जानना चाहिए। उन्होंने कहा कि ऑस्ट्रेलिया में हिंदुओं का राजनीति में भाग लेना बहुत आवश्यक है। बता दें कि कुछ गुटों के विरोध के कारण ऑस्ट्रेलिया में सूर्या के एक कार्यक्रम को रद्द कर दिया गया था।

तेजस्वी सूर्या ऑस्ट्रेलिया-इंडिया यूथ डॉयलॉग के सालाना सम्मेलन में हिस्सा लेने के लिए ऑस्ट्रेलिया पहुंचे हैं। 

न्यू साउथ वेल्स (एनएसडब्ल्यू) के पररामट्टा में आयोजित एक कार्यक्रम में बोलते हुए कर्नाटक में बेंगलुरु दक्षिण के तेजतर्रार बीजेपी सांसद तेजस्वी सूर्या ने अमेरिकी लेखक विल डुरांट को उद्धृत किया। जिनके मुताबिक भारत पर इस्लामिक आक्रमण दुनिया के इतिहास का सबसे खूनी अध्याय है। सूर्या ने कहा कि हिंदुओं, भारत के निवासियों और प्रवासी लोगों के लिए इसे स्पष्ट रूप से जानना आवश्यक है।

दरअसल तेजस्वी सूर्या ऑस्ट्रेलिया-इंडिया यूथ डॉयलॉग के सालाना सम्मेलन में हिस्सा लेने के लिए ऑस्ट्रेलिया पहुंचे हैं। यह भारत और ऑस्ट्रेलिया के युवाओं के बीच संवाद का एक मंच है। भारत और ऑस्ट्रेलिया में हर दूसरे साल में एक सम्मेलन आयोजित किया जाता है। इसमें दोनों देशों के 15-15 चुनिंदा युवा बुलाए जाते हैं। इस साल यह सम्मेलन 31 मई से 3 जून तक ऑस्ट्रेलिया के मेलबर्न में हो रहा है।

तेजस्वी सूर्या ने कहा कि जब भारतीय अपने देश से बाहर जाते हैं, तो उनके लिए भी भारत के सभ्यतागत मूल्यों और दर्शन की रक्षा करना बहुत आवश्यक है। उन्होंने ऑस्ट्रेलिया में हिंदुओं से अपील की कि वे यहूदियों से सीखें कि वे अपनी चुनौतियों के बारे में कितने स्पष्ट हैं। उन्होंने कहा कि आप यह देखें कि यहूदी अपनी मांगों, अपनी आकांक्षाओं को लेकर कितने मुखर हैं। वे स्थानीय राजनीतिक नेतृत्व के साथ-साथ अपने हितों की रक्षा के लिए कितनी बारीकी से काम कर रहे हैं।

सूर्या ने कहा कि हिंदुओं के लिए एक साथ आना और सामूहिक आवाज व्यक्त करना महत्वपूर्ण है। क्योंकि यह आने वाले वर्षों में बहुत सारी नीतियों को प्रभावित करने वाला है। किसी समुदाय का नाम लिए बिना उन्होंने कहा, कुछ सभ्यतावादी ताकतें हैं जो हमेशा हमारे समुदाय और हमारे दर्शन के हित में नहीं हो सकती हैं। उन्होंने कहा कि हिंदू माता-पिता के लिए यह बहुत जरूरी है कि वे अपने बच्चों को दुनिया और दुनिया के मामलों को हिंदू हितों के चश्मे से देखने के लिए सही नजरिया दें। इस बारे में उन्हें प्रशिक्षित करना और दृष्टि देना बहुत महत्वपूर्ण है, क्योंकि आने वाले वर्षों में आदर्श परिदृश्य तब होगा जब हमारे युवा ऑस्ट्रेलिया में महत्वपूर्ण मुकाम तक पहुंचेंगे और हमारे सभ्यतागत हितों की रक्षा के अगुआ होंगे।

इसके साथ ही तेजस्वी सूर्या ने भी द्रविड़ आंदोलन पर टिप्पणी करते हुए कहा कि तमिल लोगों का इस द्रविड़ विचारधारा में ब्रेनवॉश किया गया है। उन्होंने कहा कि तमिल लोग सबसे अधिक धार्मिक और सबसे अधिक हिंदुओं में से एक हैं। जब प्रथाओं और अनुष्ठानों की बात आती है, तो वे सबसे अधिक प्रतिबद्ध होते हैं।

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