मलखंब विश्व चैंपियनशिप भूटान में, US से 12 सदस्यों की टीम दिखाएगी दम

अमेरिका के मलखंब फेडरेशन (एमएफयू) द्वितीय विश्व चैंपियनशिप में शामिल होने के लिए अपने खिलाड़ियों को तैयार कर रहा है। भूटान में 9 से 12 मई के बीच होने वाली चैंपियनशिप में भाग लेने के लिए अमेरिका के सभी उम्र के खिलाड़ियों को तैयार किया जा रहा है।

संगठन ने 12 सदस्यीय टीम का गठन किया है। यह टीम मई में होने वाली चैंपियनशिप के लिए काम कर रही है। फेडरेशन ने अपील की है कि लोग अपनी इच्छा और सामर्थ्य से दान कर सकते हैं। फेडरेशन स्वयंसेवकों द्वारा चलाया जा रहा है। हम खिलाड़ियों की यात्रा, भोजन वगैरह की व्यवस्था के लिए धन जुटा रहे हैं।

वर्ष 2013 में अमेरिका में मलखंब फेडरेशन ऑफ यूएसए (एमएफयू) सक्रिय रूप इस खेल को बढ़ावा दे रहा है। इस खेल में उम्र की कोई पाबंदी नहीं है। सभी उम्र के लोग इसमें हिस्सा ले सकते हैं। मलखंब फेडरेशन ऑफ यूएसए (एमफयू) ने एक टीम में 12 खिला़ड़ियों को रखा है।

मलखंब भारत का एक प्राचीन खेल है। कहा जाता है कि 12वीं सदी में महाराष्ट्र में इस खेल की शुरुआत हुई। शुरुआत में यह खेल उतना प्रसिद्ध नहीं था। महाराष्ट्र के बाद हैदराबाद और फिर धीरे-धीरे इस खेल को बढ़ावा मिला। पेशवाओं के शासन काल में 18वीं सदी में शारीरिक फिटनेस के लिए इस खेल पर फिर से जोर दिया गया।

मलखंब एक जटिल खेल है। इसमें ध्यान को नियंत्रित रखना होता है। खिलाड़ी कंधे के सहारे अपने करतब दिखाता है। कुश्ती, जिम्नास्टिक, पोल वॉल्ट वाले खिलाड़ियों के लिए यह खेल थोड़ा सहज बन जाता है। इसमें शरीर का लचीलापन और संतुलन बहुत जरूरी है। जिस खंभे पर चढ़कर खिलाड़ी अपना करतब दिखाते हैं, उसे ही मलखंब कहा जाता है।