शेयर-म्युचुअल फंड पर टैक्स, फिर भी NRI को यहां बंपर लाभ
किसी देश की अर्थव्यवस्था में कर (Tax) से जुटाए राजस्व का योगदान अहम होता है। यह कर की देनदारी केवल भारत में रहने वालों पर ही नहीं बल्कि अनिवासी भारतीयों यानी NRI पर भी लागू होती है। भारत की कर व्यवस्था की बात करें तो इसमें सेवा कर, संपत्ति कर और आय कर सहित अन्य प्रकार के कर शामिल हैं। ये सभी कर भारत में रह रहे नागरिकों पर तो लागू होते ही हैं वहीं विदेश में रह रहे भारतीयों को भी आयकर अधिनियम 1961 के अंतर्गत कर अदा करना पड़ता है हालांकि विदेश में कमाया गया धन कर के दायरे से बाहर रखा गया है। एनआरआई के लिए किस तरह के नियम तय करता है भारत का आयकर विभाग और उन्हें किस तरह कर में मिली हुई राहत, समझते हैं पूरा नियम...
रेसिडेंशियल स्टेटस सबसे अहम
कर के नियम आवासीय स्थिति को देखते हुए लागू होते हैं, जैसे कि अगर कोई एनआरआई किसी वित्त वर्ष में कम से कम छह महीने भारत में रहा हो तो उसे भारतीय निवासी माना जाएगा और ऐसी स्थिति में आम भारतीयों की तरह कर के नियम तय होंगे। वहीं अगर इसके पहले के वित्त वर्ष में 2 महीने भारत में रहे और पिछले चार सालों में 365 दिन भारत में गुजारे हैं तो भी किसी एनआरआई की आवासीय स्थिति भारत की मानी जाएगी।