पन्नू ने फिर जारी किया वीडियो, इस बार निशाने पर अयोध्या और पीएम मोदी
खालिस्तान समर्थक आतंकवादी गुरपतवंत सिंह पन्नू ने मंगलवार को अमेरिकी धरती से भारत के खिलाफ फिर जहर उगला है। हिंसा के लिए लोगों को उकसाने की अपनी कोशिश में वह लगातार लगा हुआ है। इस आतंकवादी ने 'उत्तर प्रदेश के मुसलमानों' से 30 दिसंबर को अयोध्या में प्रस्तावित रोड शो के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को निशाना बनाने का आह्वान किया है
पन्नू ने अपने एक वीडियो संदेश में मुसलमानों से 'उर्दिस्तान' नामक एक नया देश बनाने के लिए भी कहा। इसके साथ ही वीडियो में आतंकवादी का कहना है कि भारत जल्द ही नमाज पर प्रतिबंध लगाएगा। । पन्नू के वीडियो बयान के तुरंत बाद खुफिया एजेंसियां हाई अलर्ट पर चली गईं।
प्रतिबंधित आतंकवादी संगठन सिख फॉर जस्टिस (SFJ) के प्रमुख, जिसके बारे में अमेरिका का दावा है कि उसने जून में भारतीय एजेंसियों द्वारा रची गई कथित हत्या की कोशिश से उसे बचाया है। पन्नू ने मोदी की रैली का जिक्र करते हुए '30 किलोमीटर की दूरी' जैसी जानकारियों का जिक्र किया है।
बता दें कि आतंकवादी पन्नू ने पिछले गुरुवार को भारतीय सेना के वाहन पर घात लगाकर हमला करने वाले आतंकवादियों के प्रति समर्थन व्यक्त किया था। उन्होंने जम्मू-कश्मीर में आतंकवादी संगठनों के साथ संबंध को बढ़ावा देने के लिए एक नए मोर्चे की बात की है।
पिछले हफ्ते पन्नू ने खुद को कश्मीर-खालिस्तान रेफरेंडम फ्रंट का प्रवक्ता बताते हुए कहा था कि सेना की एक टीम पर हाल ही में घात लगाकर किया गया हमला 'कश्मीरियों के खिलाफ भारत की हिंसा का परिणाम' है। कश्मीर को विवादित क्षेत्र बताते हुए पन्नू ने कहा कि विवाद के शांतिपूर्ण समाधान का एकमात्र रास्ता 'जनमत संग्रह' कराना है। कश्मीर में आतंकवादियों के साथ एकजुटता का उनका आह्वान ऐसे समय में आया है जब उसने अपनी नाकाम हत्या के प्रयास के जवाब में नए संसद भवन पर हमला करने की परोक्ष धमकी दी थी।
संसद हमले के दोषी आतंकवादी अफजल गुरु के साथ अपनी तस्वीर वाला एक पोस्टर जारी करते हुए पन्नू ने कहा था कि इसकी प्रतिक्रिया (कथित हत्या के प्रयास पर) संसद की नींव हिला देगी। इसके बाद लोकसभा में युवाओं के एक समूह द्वारा धुएं के कनस्तर लहराते हुए सुरक्षा में सेंध लग गई। वर्तमान में इसकी जांच चल रही है, लेकिन एसएफजे के साथ अभी तक कोई संबंध सामने नहीं आया है। सूत्रों ने कहा कि आईएसआई का 'के2 डेस्क' कश्मीरी समूहों और पंजाब स्थित चरमपंथियों के बीच की खाई को पाटने की कोशिश कर रहा है ताकि दोनों नेटवर्कों का भारत देश के खिलाफ इस्तेमाल किया जा सके।