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नाजी प्रतीक पर ऑस्ट्रेलिया के इस राज्य में लगी पाबंदी, स्वस्तिक को मिली मान्यता

विक्टोरिया के बहुसांस्कृतिक मामलों के मंत्री रोस स्पेंस ने कहा कि यह विधेयक बौद्ध, हिंदू, जैन और अन्य धर्म समुदायों के लिए शांति और सौभाग्य के प्राचीन और पवित्र प्रतीक के रूप में स्वस्तिक के सांस्कृतिक और ऐतिहासिक महत्व को मान्यता देता है।

यहूदी विरोधी और हिटलर की नाजी जर्मनी के प्रतीक को सार्वजनिक तौर पर ऑस्ट्रेलिया के विक्टोरिया राज्य में प्रतिबंध लगाने का फैसला किया गया है। यह ऑस्ट्रेलिया का पहला ऐसा राज्य है, जिसने यह निर्णय लिया है। बीते दिन सारांश अपराध संशोधन (नाजी प्रतीक निषेध) विधेयक 2022 पारित किया गया था। इसके बाद से अब नाजी प्रतीक हकेनक्रेज को जानबूझकर प्रयोग करना अपराध माना जाएगा।

कानून के तहत जो कोई भी जानबूझकर नाजी प्रतीक को सार्वजनिक रूप से प्रदर्शित करता है, उसे लगभग 22,000 ऑस्ट्रेलियाई डॉलर यानी 11 लाख 88 हजार रुपये तक का दंड, 12 महीने की कैद या दोनों का सामना करना पड़ेगा। नए विधेयक को पारित करने की घोषणा करते हुए विक्टोरियन सरकार की विज्ञप्ति में कहा गया कि यह ऐतिहासिक पारित होना एक स्पष्ट संदेश भेजता है कि नाजी प्रतीक के सार्वजनिक प्रदर्शन के माध्यम से नाजी और नव-नाजी विचारधारा के प्रसार का विक्टोरिया में कोई स्थान नहीं है।

विक्टोरिया के बहुसांस्कृतिक मामलों के मंत्री रोस स्पेंस ने कहा कि ये कानून यहूदी-विरोधी, घृणा और नस्लवाद को चुनौती देने की हमारी अटूट प्रतिबद्धता का हिस्सा है। यह विधेयक बौद्ध, हिंदू, जैन और अन्य धर्म समुदायों के लिए शांति और सौभाग्य के प्राचीन और पवित्र प्रतीक के रूप में स्वस्तिक के सांस्कृतिक और ऐतिहासिक महत्व को मान्यता देता है। विधेयक ऐसे धार्मिक और सांस्कृतिक संदर्भों में स्वस्तिक के प्रदर्शन पर रोक नहीं लगाता है।

हिंदू फॉर ह्यूमन राइट्स-ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड (HfHR-ANZ) ने प्रशासन के इस कानून का स्वागत करते हुए कहा कि नव-नाजीवाद और नस्लवाद के उदय का मुकाबला करने के लिए इस कानून का हम स्वागत करते हैं। HfHR-ANZ के प्रवक्ता ने मीडिया को बताया कि हम नोट किया है कि 'बौद्ध, हिंदू, जैन और अन्य धर्म समुदायों के लिए स्वस्तिक के सांस्कृतिक और ऐतिहासिक महत्व' को कानून के भीतर मान्यता दी गई है। हमारे प्रतीक को धार्मिक और सांस्कृतिक संदर्भों में प्रदर्शित करने की अनुमति देने का हम स्वागत करते हैं। इस कानून से व्यापक समुदाय के भीतर अधिक जागरूकता, संवेदनशीलता और समझ पैदा हो सकती है क्योंकि हम यहूदी-विरोधी, घृणा और नस्लवाद के खिलाफ एकजुटता में एक साथ खड़े हैं।

बता दें कि यह कानून छह महीने में लागू हो जाएगा। इसे प्रभावित समूहों के साथ परामर्श और उनकी प्रतिक्रिया के बाद आगे लाया गया है। मीडिया विज्ञप्ति के अनुसार सरकार नफरत के प्रतीकों पर निगरानी करना जारी रखेगी और बाद में अतिरिक्त प्रतीकों को शामिल करने पर विचार कर सकती है। विक्टोरियन अटॉर्नी-जनरल जैकलिन सिम्स ने कहा कि इन महत्वपूर्ण कानूनों को द्विदलीय समर्थन के साथ पारित होते देखना एक गर्व का पल है। मुझे यह देखकर खुशी हुई कि राजनीति का कोई भी पक्ष क्यों न हो सभी ने इसका समर्थन किया है कि विक्टोरिया में इसे कतई बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।

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