ब्रिटेन में नए विवाद में घिरीं भारतीय मूल की दो पूर्व गृह मंत्री

ब्रिटेन में गृह मंत्री पद से हटाई जा चुकीं भारतीय मूल की ब्रिटिश नेता सुएला ब्रैवरमैन का विवादों से पीछा नहीं छूट रहा है। एक मीडिया रिपोर्ट में दावा किया गया है कि ब्रैवरमैन और उनसे पहले गृह मंत्री रहीं प्रीति पटेल ने एक गुप्त नीति बनाई थी, जिसके तहत तस्करी के 1,600 आरोपियों को देश में रहने के अधिकार से वंचित कर दिया गया था।

गार्जियन की रिपोर्ट में दावा किया गया है कि गृह मंत्रालय ने यह नीति नवंबर 2021 के हाईकोर्ट के उस फैसले के बावजूद बनाई, जिसमें कहा गया था कि शरण के फैसले का इंतजार कर रहे तस्करी पीड़ितों को विवेकाधीन अवकाश दिया जाना चाहिए।

मामले को लेकर हाल ही में हुई सुनवाई में प्रीति पटेल और ब्रेवरमैन पर आरोप लगाया गया कि उन्होंने अदालत के फैसले का पालन नहीं किया जिससे पीड़ितों को काम करने, पढ़ाई करने में अड़चन आई और वे मुख्यधारा के लाभ नहीं उठा पाए।

जवाब में पूर्व गृह मंत्री के वकील ने तर्क दिया कि वे कार्रवाई करने से पहले नवंबर 2021 के ऐतिहासिक फैसले के खिलाफ सर्वोच्च न्यायालय में अपील के नतीजे का इंतजार कर रहे थे। उनकी वकील कैथरीन मैकगेही ने अदालत में कहा कि यह मामला फैसले पर अमल में देरी का है। गुप्त नीतियों का मामला नहीं है।

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, गृह मंत्रालय के आंतरिक दस्तावेजों से पता चला है कि अधिकारियों ने सिफारिश की थी कि पीड़ितों को छुट्टी देने के फैसले पर अमल को रोक दिया जाना चाहिए।

रिपोर्ट में 22 साल के एक तस्करी पीड़ित युवक का जिक्र किया गया, जिसे 16 वर्ष की उम्र में अल्बानिया में नशीली दवाओं के तस्करों से बचाया गया था। उसके वकीलों का दावा है कि सरकार की गुप्त नीति की वजह से उसे करीब 18 महीने तक छुट्टी नहीं मिल पाई।