यूक्रेन पर रूस के हमले ने कई सच्चाइयां उजागर कर दी हैं। इन्हीं में से एक है भारत के केरल से विदेश जाकर पढ़ाई करने वाले असंगठित विद्यार्थियों की संख्या। नोआरकेए-रूट्स के अनुसार यूक्रेन की यात्रा करने वाले सिर्फ 173 छात्रों ने पंजीकरण कराया था।
हालांकि युद्ध छिड़ने के बाद जब सरकार ने यूक्रेन से प्रवासियों को निकालने के लिए "ऑपरेशन गंगा" चलाया तो 3,428 छात्रों को वहां से वापस स्वदेश लाया गया। विदेश में उच्च शिक्षा के लिए जाने वाले सभी छात्रों को केंद्रीकृत मंच प्रदान करने के लिए 2020 में नोआरकेए-रूट्स की शुरुआत की गई थी। इसके अनुसार केरल से छात्र 54 देशों में पढ़ाई करने गए हैं।