श्रीलंका अगले महीने उत्तरी जाफना प्रायद्वीप से भारत के लिए उड़ानें फिर से शुरू करेगा। श्रीलंका के उड्डयन मंत्री निमल सिरिपाला डी सिल्वा ने कहा है कि इस कदम से देश के पर्यटन उद्योग को समर्थन मिलेगा और आर्थिक संकट को कम करने में मदद मिलेगी। श्रीलंका पर्यटन विकास प्राधिकरण ने 2022 में शेष वर्ष के दौरान 800,000 पर्यटकों को आकर्षित करने की योजना बनाई है।
उड्डयन मंत्री निमल सिरिपाला डी सिल्वा ने शनिवार को कहा कि उत्तरी जाफना प्रायद्वीप के पलाली हवाई अड्डे पर अगले महीने से भारत के लिए उड़ानें फिर से शुरू होंगी। हालांकि उन्होंने अभी कोई निश्चित तारीख नहीं बताई है। हवाई अड्डे का निरीक्षण करने के बाद डी सिल्वा ने कहा कि उड़ानों को फिर से शुरू करने से पर्यटन में सुधार होगा और देश को मौजूदा डॉलर के संकट से उभरने में मदद मिलेगी।
उन्होंने कहा कि वर्तमान रनवे में केवल 75 सीटों वाली उड़ानें हैं और इसलिए इसे बढ़ाने की जरूरत है। उन्होंने रनवे में सुधार के लिए भारतीय सहायता की उम्मीद की। अक्टूबर 2019 में हवाई अड्डे को जाफना अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे का नाम दिया गया था। वहां उतरने वाली पहली अंतरराष्ट्रीय उड़ान चेन्नई से थी।
हवाई अड्डे के 2019 के पुर्नविकास को श्रीलंका और भारत दोनों द्वारा वित्त पोषित किया गया था। इससे पहले भारत की एलायंस एयर ने चेन्नई से पलाली के लिए तीन साप्ताहिक उड़ानें संचालित कीं। हालांकि नवंबर 2019 में श्रीलंका में सरकार बदलने के बाद उड़ान संचालन रोक दिया गया था।
जानकारी के लिए आपको बता दें कि 1948 में ब्रिटेन से आजादी के बाद से श्रीलंका वर्तमान में सबसे खराब आर्थिक संकट का सामना कर रहा है। आर्थिक संकट ने भोजन, दवा, रसोई गैस और अन्य ईंधन, टॉयलेट पेपर और यहां तक कि माचिस जैसी आवश्यक वस्तुओं की भारी कमी को प्रेरित किया है। श्रीलंकाई लोगों को ईंधन और रसोई गैस खरीदने के लिए दुकानों के बाहर घंटों इंतजार करने के लिए मजबूर होना पड़ा है।