मलेशिया में मृत्युदंड की सजा का विरोध करने वाले कार्यकर्ताओं ने सिंगापुर की सरकार से भारतीय मूल के एक मलेशियाई ड्रग तस्कर को सुनाई गई फांसी की सजा पर रोक लगाने का अनुरोध किया है। भारतीय मूल के मलेशियाई नागरिक कलवंत सिंह को इसी सप्ताह गुरुवार को फांसी दी जानी है। सिंह को साल 2016 में सिंगापुर में हेरोइन लाने के मामले में दोषी ठहराया गया था।

मृत्युदंड की सजा के विरोध में तीन महीने से भी कम समय में इस तरह का यह दूसरा मामला है। इससे पहले अप्रैल में भारतीय मूल के एक अन्य मलेशियाई ड्रग तस्कर नागेंद्रन के धर्मलिंगम को फांसी दिए जाने के बाद अंतरराष्ट्रीय स्तर पर आक्रोश की लहर फैल गई थी। इस आक्रोश का कारण यह था कि धर्मलिंगम के मानसिक रूप से अस्वस्थ होने की संभावना जताई जा रही थी।
कलवंत सिंह को मृत्युदंड की सजा को रोकने की मांग 'एंटी डेथ पेनल्टी एशिया नेटवर्क' ने उठाई है। नेटवर्क ने सिंगापुर के दूतावास को एक ज्ञापन सौंपा है। इसमें अनुरोध किया गया है कि कलवंत की फांसी की सजा को निलंबित कर दिया जाए जिससे उसे क्षमादान के लिए याचिका दाखिल करने का अवसर मिल सके।
इस ज्ञापन में कहा गया है कि कलवंत को जब गिरफ्तार किया गया था तब उसकी आयु 23 साल थी। उसने जुए में कुछ पैसा हारा था, जिसे चुकाने के लिए उसे सिंगापुर में ड्रग्स पहुंचाने का काम करने के लिए मजबूर किया गया था और धमकाया गया था। ज्ञापन के अनुसार सिंह के मामले की सुनवाई के दौरान इस तथ्य पर कोई विचार नहीं किया गया जबकि यह एक बहुत महत्वपूर्ण कारक है।
नेटवर्क के कार्यकर्ताओं ने कहा कि नशीले पदार्थों के तस्करों और संगठित सिंडिकेट को रोकने के काम में कोई खास भूमिका नहीं निभाई है। उन्होंने कहा कि मृत्युदंड की सजा देने को लेकर सिंगापुर सरकार के रुख से केवल वैश्विक स्तर पर निंदा ही हुई है। इससे कानून के शासन की ओर से शासित एक विकसित देश के रूप में सिंगापुर की छवि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर बहुत खराब हुई है। उल्लेखनीय है कि सिंगापुर के कानून के तहत 15 ग्राम से अधिक हेरोइन मिलने पर मौत की सजा का प्रावधान है।