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सिख गुरुओं ने दुनिया को हमेशा सर्वधर्म समभाव का संदेश दिया: शाह

अमित शाह ने जानकारी दी कि जब प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी ने गुरु तेग बहादुर की स्मृति में उत्सव मनाने का निर्णय लिया था, तब उसके लिए वही स्थान तय किया गया, जहां गुरु तेग बहादुर जी की शहीदी की घोषणा हुई थी।

सभी फोटो: DSGMC

पूरी दुनिया में सिख पंथ के अलावा ऐसा शायद ही कोई दूसरा पंथ होगा जिसमें 10 पीढ़ियों तक आक्रांताओं के अन्याय के खिलाफ संघर्ष और बलिदान की इतनी लंबी परंपरा हो। इसके अलावा सिख गुरुओं ने मानवता और भारत के लिए जो बलिदान दिया है उसकी बराबरी पूरी दुनिया में कोई नहीं कर सकता। यह विचार शुक्रवार को भारत के गृहमंत्री अमित शाह ने व्यक्त किए। गृह मंत्री दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंध कमेटी (DSGMC) की ओर से अभिनंदन कार्यक्रम में बोल रहे थे। कमिटी ने इसका आयोजन देश की मोदी सरकार द्वारा सिख पंथ के लिए किये गये अभूतपूर्व कार्यों के लिए किया था।

 गृह मंत्री का कहना था कि देश नौवें गुरु तेग बहादुर जी के उपकार को कभी नहीं भुला सकता। कश्मीर में सत्ता के नशे में चूर औरंगजेब के अत्याचार के खिलाफ कश्मीरी पंडितों की अर्ज़ सुनकर वहाँ पैदल चलकर जाना और अपना सर्वोच्च बलिदान देना, केवल गुरु तेग बहादुर जी ही ये कर सकते थे। उन्होंने कहा कि जब प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी ने गुरु तेग बहादुर की स्मृति में उत्सव मनाने का निर्णय लिया था, तब उसके लिए वही स्थान तय किया गया, जहां गुरु तेग बहादुर जी की शहीदी की घोषणा हुई थी। उसी दीवार पर उनका गुणगान हुआ और लाल किले पर ही समारोह मनाया गया।

उन्होंने जानकारी दी कि जब दुनिया का हर मज़हब अपने-अपने विचारों को लेकर युद्ध लड़ रहा था, उस वक्त गुरु नानक देव से लेकर दसवें गुरु तक सभी ने दुनिया को सर्वधर्म समभाव का संदेश दिया जिस पर आज पूरा विश्व चल रहा है और ये पूरे भारत के लिए गौरव की बात है। उन्होंने कहा कि सिख समुदाय, धर्म और कर्म को समान रूप से लेकर आगे बढ़ा है। जब धर्म के लिए जान देने की बारी आती है तो सच्चा सिख कभी पीछे मुड़कर नहीं देखता और देश को आजादी दिलाने से लेकर देश की सुरक्षा करने तक सबसे ज़्यादा बलिदान भी सिखों ने दिया है। उन्होंने कहा कि सिख गुरुओं के उपदेश और उनके बलिदान को देश कभी नहीं भुला सकता। शाह ने कहा कि गुरु ग्रंथ साहिब में ही सबकी अच्छी बातों को समाहित किया गया है और सर्वधर्म समभाव का इससे बड़ा कोई संदेश नहीं हो सकता।

उनका यह भी कहना था कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी ने Women-led Development के लिए राज्यों की विधानसभाओं और संसद में मातृशक्ति को 33% आरक्षण दिया है। मातृ शक्ति को सशक्त करने की परंपरा सिख पंथ में माता खिवी के लंगर की सीख से वर्षों पहले शुरू हुई। उन्होंने कहा कि इतिहास में भी ये दर्ज है कि सिख पंथ से निकली मातृशक्ति ने न केवल आजादी के आंदोलन में हिस्सा लिया बल्कि देश को आगे बढ़ाने में भी बहुत बड़ा योग्दान दिया है। शाह ने कहा कि भारत की आजादी के आंदोलन, मुगलों और अंग्रेज़ों के खिलाफ लड़ाई, विभाजन की विभीषिका या आजादी के बाद देश की सीमाओं को सुरक्षित करना हो, सिख कौम हमेशा सबसे आगे रही है। हमारा आजादी के संघर्ष का इतिहास सिख बहादुरों के बलिदान से भरा पड़ा है और देश के आजाद होने के बाद इसकी सुरक्षा के लिए भी सबसे अधिक बलिदान सिख पंथ के अनुयायी ही देते आए हैं।

अमित शाह ने कहा कि कोई भी सभ्य व्यक्ति 1984 के दंगे नहीं भूल सकता।

 अमित शाह ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के नेतृत्व में पिछले 9 सालों में गुरु तेग बहादुर जी का 400वां प्रकाश पर्व, गुरु नानक देव जी का 550वां प्रकाश पर्व, गुरु गोविंद सिंह जी का 350वां प्रकाश पर्व, लंगर से GST हटाना, करतारपुर साहिब कॉरिडोर का निर्माण, सुल्तानपुर लोदी को हेरीटेज सिटी बनाना, ब्रिटिश विश्वविद्यालय में गुरु नानक देव जी के नाम पर पीठ स्थापित करना और पाकिस्तान में सिख यात्रियों के जाने के लिए सुविधा उपलब्ध कराना जैसे अनेक महत्त्वपूर्ण काम हुए हैं। उन्होंने कहा कि कोई भी सभ्य व्यक्ति 1984 के दंगे नहीं भूल सकता, ऐसी नृशंस हत्याएं राजनीतिक इशारे पर हुईं। वर्ष 2014 में पीएम मोदी की सरकार बनने तक न तो किसी को अरेस्ट किया गया और न ही किसी को एक भी दिन की जेल हुई। प्रधानमंत्री मोदी ने SIT बनाई और 300 मामलों को दोबारा खोलकर दोषियों को जेल भेजने की शुरुआत की। उन्होंने कहा कि अभी भी मामले चल रहे हैं और मोदी सरकार पीड़ितों के साथ न्याय ज़रूर करेगी।

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