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पाक के पीएम ने पीएम मोदी को लिखा पत्र, फिर छेड़ा कश्मीर राग

शहबाज ने पत्र में लिखा है कि पाकिस्तान, भारत के साथ शांतिपूर्ण और सहयोगात्मक संबंध चाहता है। जम्मू और कश्मीर सहित बकाया विवादों का शांतिपूर्ण समाधान जरूरी है। पीएम बनने के बाद शहबाज ने अपने पहले भाषण में भी उन्होंने कहा था कि वे भारत के साथ शांति चाहते हैं, जो कश्मीर विवाद के समाधान तक संभव नहीं है।

पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने भारतीय पीएम नरेंद्र मोदी को पत्र लिखा है। इसमें उन्होंने दोनों देशों के बीच सार्थक जुड़ाव की पेशकश की है। बता दें कि पीएम मोदी ने शहबाज शरीफ को पाकिस्तान के 23वें प्रधानमंत्री बनने पर बधाई देते हुए दोनों देशों के बीच रचनात्मक संबंध की बात कही थी। शरीफ ने पीएम मोदी की बधाई के जवाब में यह पत्र लिखा है।

शरीफ ने पत्र में लिखा है कि पाकिस्तान, भारत के साथ शांतिपूर्ण और सहयोगात्मक संबंध चाहता है। जम्मू और कश्मीर सहित बकाया विवादों का शांतिपूर्ण समाधान जरूरी है। गौरतलब है कि भारत यह हमेशा से कहता रहा है कि वह पड़ोसी देश के साथ सामान्य पड़ोसी की तरह रिश्ते चाहता है, लेकिन इस तरह के संबंध के लिए आतंक मुक्त माहौल बनाने की जिम्मेदारी पाकिस्तान पर होगी। इस मसले पर शहबाज का कहना है कि आतंकवाद से लड़ने और उसे खत्म करने में हमारे बलिदान और योगदान को जाना जाता है और विश्व स्तर पर इसे स्वीकार किया जाता है।

शहबाज शरीफ ने हाल ही में पाकिस्तान के 23वें पीएम की सत्ता संभाली है। 

शहबाज शरीफ ने हाल ही में पाकिस्तान के 23वें पीएम की सत्ता संभाली है। इमरान खान को अविश्वास प्रस्ताव के जरिये अपदस्थ किए जाने के अगले दिन शरीफ को पाकिस्तान का प्रधानमंत्री बनाया गया था। इस मौके पर 11 अप्रैल को पीएम मोदी ने ट्वीट कर उन्हें बधाई देते हुए शरीफ के नाम एक पत्र भी लिखा था। तब पीएम कहा था कि भारत आतंकवाद मुक्त क्षेत्र में शांति और स्थायित्व का इच्छुक है।

शाहबाज़ शरीफ पाकिस्तान के पूर्व पीएम नवाज शरीफ के छोटे भाई हैं। 2014 में प्रधानमंत्री मोदी ने जब सत्ता संभाली थी तब नवाज शरीफ को खुद अपने शपथ ग्रहण में भी बुलाया था। बाद में खुद उनसे मुलाकात करने लाहौर भी गए थे। हालांकि उसके बाद हुए आतंकी हमले के बाद भारत पाकिस्तान के रिश्ते बिगड़ गए थे। प्रधानमंत्री बनने के बाद शहबाज ने अपने पहले भाषण में भी कश्मीर का जिक्र किया था। तब उन्होंने कहा था कि वे भारत के साथ शांति चाहते हैं, जो कश्मीर विवाद के समाधान तक संभव नहीं है। शहबाज इससे पहले भी कई मौकों पर कश्मीर का जिक्र छेड़ चुके हैं। ऐसे में जानकारों का कहना है कि जिस ‘सार्थक जुड़ाव’ की बात शाहबाज कर रहे हैं, वह मुश्किल ही जान पड़ रहा है।

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