भारत में सुबह 11 बजकर 30 मिनट पर काबुल से दिल्ली विशेष उड़ान के जरिए पहुंचे पीड़ित अफगानी हिंदू और सिखों के लिए शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (SGPC) और इंडियन वर्ल्ड फोरम ने केंद्र सरकार के साथ मिलकर भारत में स्थानांतरित करने का काम शुरू कर दिया है।

गत 18 जून को काबुल के गुरुद्वारा करता परवान में हुए हमले के दौरान घायल हुए रकबीर सिंह सहित ग्यारह अफगान सिख दिल्ली पहुंचे। हमले के दौरान मारे गए सविंदर सिंह की अस्थियां भी भारत लाई गई हैं। एसजीपीसी ने उन्हें हवाई किराए में भी सहायता की है और देश में पुनर्वास चाहने वालों को वित्तीय सहायता भी प्रदान करेगा। एसजीपीसी के अधिकारी और अफगान हिंदू और सिख समुदाय के नेता उनकी सुविधा के लिए हवाई अड्डे पर मौजूद थे।
ਸ਼੍ਰੋਮਣੀ ਗੁ: ਪ੍ਰ: ਕਮੇਟੀ ਨੇ ਇੰਡੀਅਨ ਵਰਲਡ ਫੋਰਮ ਅਤੇ ਭਾਰਤ ਸਰਕਾਰ ਦੇ ਤਾਲਮੇਲ ਨਾਲ ਅਫ਼ਗਾਨ ਘੱਟ ਗਿਣਤੀ ਸਿੱਖਾਂ ਨੂੰ ਭਾਰਤ ਲਿਆਉਣਾ ਸ਼ੁਰੂ ਕਰ ਦਿੱਤਾ ਹੈ। ਅੱਜ 11 ਅਫਗਾਨ ਸਿੱਖ ਦਿੱਲੀ ਪਹੁੰਚੇ।
— Shiromani Gurdwara Parbandhak Committee (SGPC) (@SGPCAmritsar) June 30, 2022
ਇਨ੍ਹਾਂ ਅਫ਼ਗਾਨ ਸਿੱਖਾਂ ਵੱਲੋਂ ਗੁਰਦੁਆਰਾ ਦਸ਼ਮੇਸ਼ ਪਿਤਾ ਸ੍ਰੀ ਗੁਰੂ ਗੋਬਿੰਦ ਸਿੰਘ ਸਾਹਿਬ, ਕਰਤੇ ਪ੍ਰਵਾਨ ਵਿਖੇ 18 ਜੂਨ ਨੂੰ ਹੋਏ pic.twitter.com/rm8zAS9KI9
बता दें कि काबुल गुरुद्वारा हमले के बाद गृह मंत्रालय ने तेजी से कार्रवाई करते हुए प्राथमिकता के आधार पर अफगानिस्तान में रहने वाले कई सिखों और हिंदुओं को ई-वीजा जारी किया था। शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के अध्यक्ष एडवोकेट एस हरजिंदर सिंह ने 21 जून को कहा था कि एसजीपीसी अफगान सिखों को समर्थन देगी और अफगानिस्तान में मौजूदा स्थिति के कारण भारत आने के इच्छुक सिखों के हवाई टिकट एसजीपीसी द्वारा वहन किए जाएंगे। एसजीपीसी अध्यक्ष ने भारत सरकार से अफगानिस्तान में रहने वाले सिखों को तुरंत भारत लाने की अनुमति देने की भी अपील की थी ताकि वे शांति के माहौल में रह सकें।
मालूम हो कि अज्ञात बंदूकधारियों ने काबुल में दशमेश पिता गुरु गोबिंद करता परवन गुरुद्वारा के परिसर के अंदर 18 जून को सुबह करीब 7 बजे आतंकी हमला किया था। गोलीबारी के समय कम से कम 30 लोग सुखमनी साहिब या सुबह की प्रार्थना कर रहे थे। अफगानिस्तान के पझवोक न्यूज ने बताया कि तीन घुसपैठियों सहित कुल 5 लोग मारे गए। मरने वालों में दक्षिण-पूर्वी अफगानिस्तान के गजनी जिले के रहने वाले 60 वर्षीय सविंदर सिंह भी शामिल थे।