'मिचौंग' के पीड़ितों की सहायता के लिए आगे आया हिंदू संगठन SEWA USA

चक्रवाती तूफान 'मिचौंग' (Cyclone Michaung) ने भारत के तमिलनाडु और आंध्र प्रदेश में भारी तबाही मचाई है। इससे लाखों लोग प्रभावित हुए है। इस भीषण आपदा से प्रभावित लोगों की मदद करने के लिए अमेरिका स्थित हिंदू संगठन SEWA USA आगे आया है। गैर-लाभकारी संस्था सेवा यूएसए ने तूफान मिचौंग के पीड़ितों की मदद के लिए दान का आह्वान किया है।

संस्था की तरफ से बताया गया है कि हमारा चक्रवात मिचौंग राहत कोष जरूरतमंद लोगों को तत्काल सहायता प्रदान कर रहा है। संस्था ने दानदाताओं से आह्वान किया है कि आपका समर्थन प्रभावित व्यक्तियों और परिवारों के जीवन में महत्वपूर्ण बदलाव ला सकता है। संगठन ने आपातकालीन आश्रय, आपूर्ति, चिकित्सा सहायता और भोजन और पानी वितरण के लिए लोगों से योगदान का अनुरोध किया है। संस्था ने अपने यूएस 50,000 डॉलर के लक्ष्य से दान में 2,842 डॉलर हासिल किए हैं।

खबरों के मुताबिक तमिलनाडुी की राजधानी चेन्नई में चक्रवात से सबसे अधिक नुकसान हुआ है। बारिश से संबंधित घटनाओं में कम से कम 17 लोगों की मौत हो गई। ये मौतें दीवारें गिरने, करंट लगने, डूबने और पेड़ गिरने के कारण हुई हैं। शहर में दस से अधिक लोग घायल हो गए जिन्हें इलाज के लिए विभिन्न अस्पतालों में ले जाया गया।

मिचौंग के 90-100 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से चलने वाली हवाओं के के कारण आंध्र प्रदेश में भी क्षति पहुंची है। आंध्र में चक्रवाती तूफान ने हजारों एकड़ में खड़ी फसलों को बर्बाद कर द‍िया। तमिलनाडु में भी सड़कों, इमारतों और महत्वपूर्ण बुनियादी ढांचे को हुए व्यापक नुकसान हुआ है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोशल मीडिया पर गहरी संवेदनाएं जताई हैं। उन्होंने एक्स पर लिखा है कि मेरी संवेदनाएं उन लोगों के परिवारों के साथ हैं, जिन्होंने चक्रवात मिचौंग के कारण अपने प्रियजनों को खो दिया है, खासकर तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश और पुडुचेरी में। मेरी प्रार्थनाएं इस चक्रवात के मद्देनजर घायल या प्रभावित लोगों के साथ हैं। अधिकारी प्रभावित लोगों की सहायता के लिए जमीनी स्तर पर अथक प्रयास कर रहे हैं और स्थिति पूरी तरह से सामान्य होने तक अपना काम जारी रखेंगे।

जान-माल के नुकसान के अलावा आंध्र प्रदेश और तमिलनाडु राज्यों में लगातार बारिश के कारण हैदराबाद और चेन्नई के हवाई अड्डों से सैकड़ों इनबाउंड और आउटबाउंड उड़ानों को रद्द कर दिया गया। बारिश के कारण इन राज्यों के विभिन्न क्षेत्रों में बिजली गुल हो गई और सेलुलर नेटवर्क ठप हो गया।