बौद्धिक प्रतिभा का पलायन सशक्त भारत की राह में बड़ी चुनौती है। भारत में पले-बढ़े और संस्कारित नौजवान पढ़ाई करने विदेश जाते हैं और वहां की चकाचौंध से प्रभावित होकर वहीं बस जाते हैं। पीछे छूट जाते हैं बुजुर्ग माता-पिता और उनकी मातृभूमि। लेकिन क्या अब इस स्थिति में कुछ बदलाव आया है? अपनी जन्मभूमि छोड़कर विदेशों में बसे प्रतिभाशाली और कामयाब भारतीयों के लिए क्या भारत में ऐसे अवसर हैं, जिसकी खातिर वे अपने देश लौट सकते हैं? अगर भारत के केंद्रीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी राज्यमंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह की मानें तो इसका उत्तर हां है।
केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह का कहना है कि भारत आज एक तरह का रिवर्स ब्रेन ड्रेन मतलब विपरीत दिशा में प्रतिभा पलायन देख रहा है। भारतीय मूल के अनेक वैज्ञानिक स्वदेश लौटना चाहते हैं। हालांकि मंत्री ने अपनी बातों के पक्ष में कोई आंकड़े पेश नहीं किए। लेकिन सिंह के मुताबिक इसका श्रेय भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को जाता है जिन्होंने देश में एक ऐसा सक्षम माहौल बनाया है, जो विदेशों में रह रही भारतीय प्रतिभा को आकर्षित कर रहा है। केंद्रीय मंत्री ने पिछले शुक्रवार को भारत के हरियाणा राज्य के फरीदाबाद जिले में आयोजित एक कार्यक्रम में ये बातें कहीं।