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करतारपुर कॉरिडोर सच्चे बादशाह के साथ-साथ बिछुड़े भाइयों को भी मिलाता है

इनमें एक हैं मुहम्मद सिद्दीक जो 1947 में भारत के विभाजन के समय पाकिस्तान में चले गए और दूसरे हैं मुहम्मद हबीब उर्फ ​​चीला जो पंजाब में रहे। दोनों भाइयों ने करतारपुर कॉरिडोर की पहल की सराहना की है जिससे उन्हें फिर से मिलने में मदद मिली।

चौहत्तर साल एक लंबा समय होता है और वह भी तब, जब विभाजन की भेंट चढ़े दो भाई बुढ़ापे में आकर मिल पाए हों। बचपन में अलग हुए और जब मिले तो दोनों की कमर झुकी हुई थी। बदन पर सफेद कुर्ता था और मिलाने वाले पोते और पड़पोते। अगर सोशल मीडिया का दौर न होता तो यह दोनों भाई शायद ही इस जन्म में मिल पाते।

अब जब वे 74 साल बाद मिले तो आसपास खड़े अन्जान लोगों की भी आंखों में आंसू आ गए। माहौल इतना भावुक हो गया कि एक शख्स ने उनकी वीडियो बना ली, जो इस वक्त सोशल मीडिया पर खूब वायरल हो रही है। दरअसल मामला करतारपुर कॉरिडोर से जुड़ा है जहां 74 साल बाद दो भाई मिल पाए हैं। वीडियो में दोनों भाई गले मिलते ही रोने लगते हैं।

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