एरिक गार्सेटी बने भारत में अमेरिकी राजदूत, 26 महीने का इंतजार सीनेट से खत्म
आखिरकार एरिक गार्सेटी के भारत में अमेरिकी राजदूत बनने का रास्ता साफ हो गया है। सीनेट ने बुधवार को वोटिंग के बाद लॉस एंजिलिस के पूर्व मेयर गार्सेटी को भारत में राजदूत नामित करने पर मंजूरी की मुहर लगा दी। खास बात ये है कि पिछले 26 महीने से भारत में अमेरिका का कोई राजदूत नहीं है। लेकिन अब राष्ट्रपति जो बाइडेन के खास माने जाने वाले गार्सेटी की नियुक्ति से यह इंतजार खत्म होने जा रहा है।
Confirmed, 52-42: Executive Calendar #65 Eric M. Garcetti to be Ambassador to the Republic of India.
— Senate Periodicals (@SenatePPG) March 15, 2023
D's voting Nay: Brown, Hirono, Kelly
R's voting Yea: Cassidy, Collins, Daines, Graham, Hagerty, Marshall, Young
सीनेट में वोटिंग के दौरान गार्सेटी के पक्ष में 52 वोट आए जबकि विरोध में 42 वोट पड़े। तीन डेमोक्रेट सांसदों ने विरोध में वोट डाले। हालांकि सात रिपब्लिकन सांसदों के पक्ष में मतदान करने से गार्सेटी को हरी झंडी मिल गई। पिछले साल भी कई सीनेट डेमोक्रेट्स ने गार्सेटी के नामांकन का विरोध किया था।
भारतीय विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने कहा है कि हम एरिक गार्सेटी की भारत में अमेरिकी राजदूत के रूप में नियुक्ति की पुष्टि का स्वागत करते हैं। हम अपने बहुआयामी द्विपक्षीय संबंधों को आगे ले जाने के लिए उनके साथ काम करने के लिए तत्पर हैं। बाइडेन की मुख्य उप सचिव ओलिविया डाल्टन ने कहा कि राष्ट्रपति का मानना है कि गार्सेटी भारत में मजबूत और प्रभावशाली भूमिका निभाएंगे।
गार्सेटी अमेरिका के महत्वाकांक्षी नेता हैं। वर्ष 2017 में उन्होंने राष्ट्रपति पद की उम्मीदवारी की दौड़ में उतरने तक के संकेत दिए थे। वर्ष 2020 में बाइडेन ने जब राष्ट्रपति चुनाव जीता, तब यह अटकलें थीं कि गार्सेटी को उनकी कैबिनेट में महत्वपूर्ण पद मिल सकता है। लेकिन बाइडेन ने गार्सेटी को भारत में अमेरिकी राजदूत बनाकर भेजने का फैसला किया।
राष्ट्रपति बाइडेन ने वर्ष 2021 में गार्सेटी को राजदूत नामित किया। लेकिन गार्सेटी पर अपने ही पूर्व वरिष्ठ सहयोगी के कथित यौन उत्पीड़न और धमकाने के आरोप के चलते उनके नामांकन को सीनेट से मंजूरी नहीं मिल पाई। हालांकि गार्सेटी बार-बार इन आरोपों का खंडन करते रहे हैं। हालांकि बाइडेन ने इस साल जनवरी में फिर से गार्सेटी को राजदूत पद पर नामित कर दिया। इस बार गार्सेटी सीनेट की सीढ़ी पार करने में कामयाब रहे।
भारत में अमेरिका के पिछले राजदूत के रूप में केन जस्टर तैनात थे। उनकी नियुक्ति 2017 में तत्कालीन राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के समय हुई थी। वर्ष 2020 में बाइडेन के राष्ट्रपति बनने के बाद उन्होंने इस्तीफा दे दिया था। तब से भारत में अमेरिका के राष्ट्रपति का पद खाली है। यह पहला मौका है, जब इतने लंबे समय तक भारत में कोई अमेरिकी राजदूत नहीं रहा। हालांकि इस दौरान पांच अस्थायी दूत भारत में राजदूत का कार्यभार संभाल चुके हैं।