रहस्य-श्रद्धा से निमग्न है कोणार्क का सूर्य मंदिर और इसका 'जीवन चक्र'

भारत के ओडिशा राज्य का पुरी शहर वैसे तो अपने खूबसूरत और स्वच्छ समुद्र तट के लिए मशहूर है। यहां से करीब 35 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है कोणार्क का सूर्य मंदिर। ये मंदिर अपने आप में बेहद अनूठा है।

हाल ही में नई दिल्ली में जब जी20 का शिखर सम्मेलन हुआ था, तब पीएम मोदी अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन को एक सूर्य चक्र की बारीकियां समझाते हुए नजर आए थे। ये चक्र इसी सूर्य मंदिर का हिस्सा है। आइए बताते हैं, इसी मंदिर की चौंकाने वाली कुछ बातें।

G20 सम्मेलन में पीएम मोदी ने अमेरिकी राष्ट्रपति बाइडेन को इसी सूर्य चक्र के बारे में बताया था। फोटो एक्स @pmoindia

ओडिशा का सूर्य मंदिर जैसा कि नाम से ही स्पष्ट है, भगवान सूर्य को समर्पित है। इसका निर्माण 1250 ईसवी में राजा नरसिंह देव प्रथम ने कराया था। कलिंग शैली में बना ये मंदिर करीब 12 साल में बनकर तैयार हुआ था। इस मंदिर को इस तरह तैयार किया गया है कि सूर्य की पहली किरण मंदिर के प्रवेश द्वार पर पड़ती है।

यह सूर्य मंदिर एक विशालकाय रथ की तरह है। इसे सात घोड़े खींचते हैं। रथ में 24 पहिए लगे हुए हैं। हर पहिया अपने आप में खास है और कई रहस्यों को समेटे हुए है। इसी पहिए की तस्वीर जी20 सम्मेलन में लगी थी। भारत में 10 और 20 रुपये के नोटों में भी इसकी तस्वीर छपी होती है। सूर्य मंदिर को 1984 में विश्व विरासत स्थल घोषित किया जा चुका है।

यह सूर्य मंदिर एक विशालकाय रथ की तरह है। फोटो साभार यूनेस्को

सूर्य मंदिर में सात घोड़े हैं, जिन्हें सप्ताह के सात दिन का प्रतीक माना जाता है। 12 जोड़े पहिये साल के 12 महीने, कुल 24 पहिए मतलब दिन के 24 घंटे। पहिए में आठ तीलियां हैं, जो आठ प्रहर यानी हर तीन घंटे का समय दर्शाती हैं।

सूर्य मंदिर में लगे पहियों को जीवन चक्र भी माना जाता है। इन 24 पहियों में से दो पहिए सूर्य घड़ी के समान हैं जो सूर्य की किरणों के माध्यम से समय भी बताते हैं। इसके अलावा ये पहिए 12 राशियों का भी प्रतीक माने जाते हैं। हर पहिये पर कई तरह की आकृतियां बनी हुई हैं जो जीवन के अलग अलग रूपों को दर्शाती हैं।

सूर्य मंदिर कैसे पहुंचें?
कोणार्क के पास सबसे नजदीकी इंटरनेशनल एयरपोर्ट भुवनेश्वर में है। यह करीब 65 किलोमीटर की दूरी पर है। कोणार्क सड़क मार्ग से अच्छी तरह जुड़ा है। इसलिए आप या तो टैक्सी के जरिए आ सकते हैं या फिर रोडवेज बसों का भी इस्तेमाल कर सकते हैं। ट्रेन से आना चाहते हैं तो पुरी रेलवे स्टेशन आ सकते हैं। वहां से बस या टैक्सी ले सकते हैं।