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सैलिसबरी में परिषद का चुनाव लड़ना चाहती हैं भारतीय मूल की ​नलिनी

अमेरिकी में रह रहीं नलिनी जोसफ के परिवार में उनके पति और एक बेटा है। नलिनी भारत में पैदा हुई हैं और वहीं पली बढ़ी हैं। हाई स्कूल पास करने के बाद वह अमेरिका आ गईं थी।

भारतीय मूल की नलिनी जोसफ नवंबर में मैसाचुसेट्स के सैलिसबरी में नगर परिषद में चुनाव लड़ने की तैयारी कर रही हैं। अगर वह जीतती हैं, तो वह परिषद में पहली भारतीय मूल की महिला होंगी। 53 साल की नलिनी जोसफ का कहना है कि वह अपने अदालत में बिताए दशकों के अनुभव को उपयोग में लाना चाहती हैं। नलिनी परिषद के सदस्य के रूप में राजनीतिक और वैचारिक दृष्टिकोण की परवाह किए बिना अपने अनुभव और क्षमता से शहर में बदलाव करना चाहती हैं।

​नलिनी भारत में पैदा हुई हैं और वहीं पली बढ़ी हैं। हाई स्कूल पास करने के बाद वह अमेरिका आ गईं थी। यहां उन्होंने जॉर्जिया के मैकॉन में वेस्लेयन कॉलेज में पढ़ाई की और मनोविज्ञान में डिग्री हासिल की। 2011 में ​नलिनी ने सैलिसबरी में ही अपना आगे का रास्ता खोज लिया था। पिछले 14 वर्षों में, ​नलिनी ने गार्जियन एड लिटेम प्रोग्राम के जिला प्रशासक के रूप में काम किया है, जो इरेडेल और अलेक्जेंडर काउंटी राज्य की जिला अदालतों के माध्यम से उपेक्षित बच्चों की वकालत करता है।

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