रोहिंग्या शरणार्थियों ने सोशल मीडिया वेबसाइट फेसबुक की पैरेंट कंपनी मेटा पर 150 बिलियन डॉलर से अधिक का मुकदमा दायर किया है। इन शरणार्थियों का कहना है कि कंपनी नफरत वाली पोस्ट को रोकने में नाकाम रही, जिसके चलते म्यांमार के सैन्य शासकों और उनके समर्थकों ने जातीय मुसलमान समूह के खिलाफ हिंसा शुरू की।

यह मुकदमा बीते सोमवार को कैलिफोर्निया में दर्ज करवाया गया। वकीलों ने कहा कि म्यांमार में फेसबुक के आने के साथ हिंसा भड़काने वाली और नफरत फैलाने वाली सामग्रियों का प्रसार हुआ। इन्हीं वजहों से आगे जाकर वहां रोहिंग्या समुदाय का नरसंहार हुआ। वहीं, फेसबुक की ओर से अभी तक इस पर कोई बयान सामने नहीं आया है।