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'वोट बैंक की राजनीति कर रहा है अमेरिका', ब्लिंकन की रिपोर्ट पर भारत ने कहा

अंतर्राष्ट्रीय धार्मिक स्वतंत्रता पर अमेरिकी आयोग ने रिपोर्ट तैयार की है जिसमें कहा गया है कि 2021 में भारत की धार्मिक स्वतंत्रता की स्थिति काफी खराब हो गई थी। ब्लिंकन ने कहा कि धार्मिक स्वतंत्रता के लिए सम्मान उनकी सरकार की विदेश नीति की महत्वपूर्ण प्राथमिकता है।

अमेरिका के विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन का कहना है कि भारत में लोगों और पूजा स्थलों पर हमले बढ़ रहे हैं। अंतरराष्ट्रीय धार्मिक स्वतंत्रता साल 2021 की रिपोर्ट जारी करते हुए ब्लिंकन ने कहा कि रिपोर्ट दुनिया भर के लगभग 200 देशों और क्षेत्रों में धार्मिक स्वतंत्रता की स्थिति की गहन, तथ्य-आधारित समीक्षा प्रस्तुत करती है। हालांकि भारत पर उंगली उठाती इस रिपोर्ट पर भारत सरकार ने अमेरिका को ही कठघरे में लाकर खड़ा कर दिया है।

दरअसल ब्लिंकन ने रिपोर्ट जारी करते हुए कहा था कि उदाहरण के लिए भारत में दुनिया का सबसे बड़ा लोकतंत्र और आस्थाओं की एक महान विविधता का घर है। लेकिन हमने लोगों और पूजा स्थलों पर बढ़ते हमले देखे हैं। ऐसे ही वियतनाम में जहां अधिकारी अपंजीकृत धार्मिक समुदायों के सदस्यों को परेशान करते हैं, नाइजीरिया में जहां कई राज्य सरकारें लोगों को उनके धर्मों को मानने के लिए दंडित करने के लिए मानहानि और ईशनिंदा कानूनों का उपयोग कर रही हैं।

अंतर्राष्ट्रीय धार्मिक स्वतंत्रता पर अमेरिकी आयोग ने रिपोर्ट तैयार की है जिसमें कहा गया है कि 2021 में भारत की धार्मिक स्वतंत्रता की स्थिति काफी खराब हो गई थी। ब्लिंकन ने कहा कि धार्मिक स्वतंत्रता के लिए सम्मान उनकी सरकार की विदेश नीति की महत्वपूर्ण प्राथमिकता है। हम जानते हैं कि जब प्रत्येक व्यक्ति के अपने विश्वास का पालन करने या किसी विश्वास का पालन न करने के मौलिक अधिकार का सम्मान किया जाता है तो लोग अपने समुदाय की सफलताओं में अपना पूरा योगदान दे सकते हैं।

अंतर्राष्ट्रीय धार्मिक स्वतंत्रता पर संयुक्त राज्य आयोग (USCIRF) के प्रमुख और अंतरराष्ट्रीय धार्मिक स्वतंत्रता के राजदूत राशद हुसैन ने भारत को लेकर कहा कि कुछ अधिकारी लोगों और पूजा स्थलों पर बढ़ते हमलों की अनदेखी कर रहे हैं या उनका समर्थन भी कर रहे हैं। सरकारों को बोलना चाहिए और कमजोर और हाशिए के लोगों की रक्षा करनी चाहिए। कई देशों में यहूदी-विरोधी, मुस्लिम-विरोधी घृणा और जेनोफबिया बढ़ रहा है। कई जगह सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म का उपयोग अभद्र भाषा फैलाने और धार्मिक अल्पसंख्यकों के सदस्यों को धमकाने और धमकी देकर हिंसा भड़काने के लिए किया जाता है।

दूसरी ओर शुक्रवार को भारत के विदेश मंत्रालय ने अमेरिकी विदेश विभाग की इस रिपोर्ट पर आधिकारिक बयान जारी कर इस रिपोर्ट पर अपनी प्रतिक्रिया दी है। आधिकारिक प्रवक्ता अरिंदम बागची ने कहा कि हमने अंतरराष्ट्रीय धार्मिक स्वतंत्रता पर अमेरिकी विदेश विभाग 2021 की रिपोर्ट जारी करने और वरिष्ठ अमेरिकी अधिकारियों द्वारा गलत टिप्पणियों को नोट किया है। यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि अंतरराष्ट्रीय संबंधों में वोट बैंक की राजनीति की जा रही है। हम आग्रह करेंगे कि प्रेरित इनपुट और पक्षपातपूर्ण विचारों के आधार पर आकलन से बचा जाए।

बागची ने कहा कि एक स्वाभाविक रूप से विविधतापूर्ण समाज के रूप में भारत धार्मिक स्वतंत्रता और मानवाधिकारों को महत्व देता है। अमेरिका के साथ चर्चा में हमने लगातार अमेरिका में बढ़ रहे नस्लीय और जातीय रूप से प्रेरित हमलों, घृणा अपराधों और बंदूक हिंसा का मामला उठाया है।

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