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नस्लीय भेदभाव के चलते भारतवंशी को हुई लंबी सजा? एक्टिविस्ट ने उठाया सवाल

शिकागो की फेडरल कोर्ट ने फर्जी दस्तखत और दस्तावेजों की मदद से एक निवेश कंपनी को लगभग 17.9 करोड़ डॉलर के झूठे ऋण बेचने का जुर्म साबित होने पर साल 2018 में निकेश पटेल को 25 साल की सजा सुनाई थी। तब से वह जेल में ही है।

फ्लोरिडा में रहने वाले भारतीय अमेरिकी इन्वेस्टमेंट बैंकर निकेश पटेल को क्या नस्लीय भेदभाव के चलते लंबी सजा सुनाई गई? अमेरिकी नागरिक अधिकार कार्यकर्ता जेसी जैक्सन द्वारा अमेरिकी अटॉर्नी कार्यालय से निकेश की सजा पर पुनर्विचार की गुहार के बाद ये सवाल उठा है। 39 साल के निकेश जालसाजी के जुर्म में 25 साल जेल की सजा काट रहे हैं।

निकेश के माता पिता ने जेसी जैक्सन से कहा था कि उन्हें शक है कि निकेश के साथ नस्लीय भेदभाव किया जा रहा है।

शिकागो की फेडरल कोर्ट ने फर्जी दस्तखत और दस्तावेजों की मदद से एक निवेश कंपनी को लगभग 17.9 करोड़ डॉलर के झूठे ऋण बेचने का जुर्म साबित होने पर साल 2018 में निकेश पटेल को 25 साल की सजा सुनाई थी। तब से वह जेल में ही है।

निकेश के माता पिता अजय और रोहिणी पटेल ने पिछले महीने जेसी जैक्सन से मिलकर कहा था कि उन्हें शक है कि निकेश के साथ नस्लीय भेदभाव किया जा रहा है। उनका कहना था कि निकेश के साथ उनके पार्टनर टिमोथी फिशर को भी अदालत ने दोषी करार दिया था लेकिन टिमोथी को महज 10 साल और निकेश को 25 साल की जेल हुई।

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