इजराइल-हमास युद्धविराम टूटने पर भारतीय मूल के सांसदों ने जताई चिंता

कुछ दिनों तक चले युद्धविराम के बाद अब इजरायल ने दोबारा गाजा को निशाना बनाना शुरू कर दिया है। इजरायली सेना ने गाजा पट्टी के भीड़भाड़ वाले दक्षिणी हिस्से के ठिकानों पर हमला किया। लोगों को आसपास के उन इलाकों को खाली करने का आदेश दिया जिन्हें हमला करने के लिए चिह्नित किया गया है। वहीं, भारतीय-अमेरिकी सांसद प्रमिला जयपाल ने गाजा में युद्धविराम के लिए अपना आह्वान दोहराया।

वहीं, इस मसले पर भारतीय-अमेरिकी कांग्रेसी अमी बेरा का कहना है कि संघर्षरत नागरिकों को आवश्यक मानवीय सहायता, भोजन, पानी और दवा दिलाने के लिए तत्काल रोक की आवश्यकता है। कांग्रेसी रो खन्ना ने इजरायली महिलाओं और बच्चों के खिलाफ हमास द्वारा किए गए अपराधों को 'अमानवीय' और भयावह बताया। कांग्रेसी राजा कृष्णमूर्ति ने कहा, 'अमेरिका इस भीषण आतंकी हमले के खिलाफ स्पष्ट रूप से इजराइल के लोगों के साथ खड़ा है, और अपनी रक्षा के उसके अधिकार का पुरजोर समर्थन करता है।'

भारतीय-अमेरिकी कांग्रेस महिला जयपाल की टिप्पणी तब आई है जब 24 नवंबर को लागू सात दिवसीय मानवीय संघर्ष विराम के टूटने के बाद 1 दिसंबर को युद्ध अभियान फिर से शुरू होने के बाद से इजरायल गाजा पर बमबारी कर रहा है। जयपाल उन भारतीय-अमेरिकी सांसदों में से हैं, जिन्होंने लगातार शत्रुता समाप्त करने, संघर्ष विराम बढ़ाने, बंधकों की जल्द रिहाई, हमास को हटाने और गाजा में भीषण युद्ध के स्थायी समाधान की मांग की है।

इससे पहले जयपाल ने एक अंतरराष्ट्रीय गठबंधन बनाने का भी आह्वान किया था जो हमास को खत्म कर सके और फिलिस्तीनियों के सच्चे शासन के लिए नए वैध नेतृत्व को उभरने की अनुमति दे सके। जयपाल ने कहा कि हमारे पास एक अस्थायी युद्धविराम था। इस दौरान हम बड़ी संख्या में बंधकों को रिहा होते देख पाए। हम गाजा में मानवीय सहायता पहुंचाने में सक्षम हुए।

एक टीवी चैनल को दिए गए इंटरव्यू के दौरान जब जयपाल से पूछा गया कि क्या उन्हें लगता है कि हमास लंबे युद्धविराम का पालन करने को तैयार होगा, तो उन्होंने स्थिति को 'बहुत जटिल' बताया। उन्होंने कहा कि हमारे पास सारी जानकारी नहीं है।

बता दें कि रविवार की रात इजरायल रक्षा बलों (IDF) ने घोषणा की कि वह पूरे गाजा पट्टी में अपने जमीनी अभियानों का विस्तार कर रहा है। उधर, हमास के नियंत्रण वाले स्वास्थ्य मंत्रालय का कहना है कि 2 से 3 दिसंबर के बीच गाजा में कम से कम 316 लोग मारे गए और 664 अन्य घायल हो गए।

7 अक्टूबर को युद्ध शुरू होने के बाद से गाजा में मरने वालों की कुल संख्या सोमवार सुबह तक 15,523 हो गई है। स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक, इनमें 70 फीसदी महिलाएं और बच्चे शामिल हैं। 7 अक्टूबर को जमीनी कार्रवाई शुरू होने के बाद से गाजा में 77 इजरायली सैनिक मारे गए हैं। इजरायल में, मरने वालों की संख्या 1,200 से अधिक है, जिनमें विदेशी नागरिक भी शामिल हैं।