अमेरिका के बाइडेन प्रशासन ने अप्रवासियों की कुछ श्रेणियों के लिए वर्क परमिट की समय सीमा को स्वचालित रूप से बढ़ाने की घोषणा की है। इससे ग्रीन कार्ड वाले और डेढ़ साल के लिए रोजगार प्राधिकरण कार्ड (EAD) प्राप्त करने वाले H-1B वीजा धारकों के जीवनसाथी को लाभ मिलेगा। होमलैंड सिक्योरिटी विभाग द्वारा यह घोषणा की गई है। इस कदम से हजारों भारतीय प्रवासियों को लाभ होने की संभावना है।

होमलैंड सिक्योरिटी विभाग ने कहा कि मौजूदा EAD पर बताई गई समाप्ति की अवधि 180 दिनों की बजाय स्वचालित रूप से 540 दिनों तक बढ़ा दी जाएगी। USCIS के निदेशक यूआर एम जद्दौ ने कहा कि चूंकि USCIS यानी यूएस सिटिजनशिप एंड इमिग्रेशन सर्विसेज लंबित EAD मामलों को लेकर काम करता है। ऐसे में USCIS का मानना है कि रोजगार प्राधिकरण कार्ड (EAD) के लिए वर्तमान में स्वचालित रूप से अवधि को बढ़ाना फिलहाल के लिए अपर्याप्त है।
उन्होंने कहा कि यह अस्थायी नियम उन गैर-नागरिकों को मदद करेगा जो इस स्वचालित विस्तार के लिए पात्र हैं। USCIS के अनुसार जिनका 180 दिवसीय स्वचालित विस्तार समाप्त हो गया है और जिनका EAD का नवीनीकरण का काम USCIS के पास लंबित है उन्हें 4 मई 2022 से या उनके EAD की समाप्ति तिथि से 540 दिनों तक चलने वाले रोजगार प्राधिकरण यानी EAD वैधता की एक अतिरिक्त अवधि प्रदान की जाएगी। वे रोजगार फिर से शुरू कर सकते हैं यदि वे अभी भी 540 दिवसीय स्वचालित विस्तार अवधि के भीतर हैं या पात्र हैं।
भारतीय अमेरिकी समुदाय के नेता अजय जैन भुटोरिया ने कहा कि इस परिवर्तन से लगभग 87,000 अप्रवासियों को तुरंत मदद मिलेगी जिनका EAD समाप्त हो गया है या अगले 30 दिनों में खत्म हो जाएगा। कुल मिलाकर सरकार का अनुमान है कि वर्क परमिट का नवीनीकरण करने वाले 4,20,000 अप्रवासियों को काम करने की क्षमता खोने से बचाया जाएगा। यह नीति देश की कानूनी आप्रवास एजेंसी में 15 लाख वर्क परमिट आवेदनों के अभूतपूर्व बैकलॉग को संबोधित करने के लिए है जिससे हजारों लोग कानूनी रूप से काम करने में असमर्थ हैं और श्रम की कमी को पूरा कर रहे हैं।
नीति में बदलाव का स्वागत करते हुए भूटोरिया ने कहा कि यह नियोक्ताओं के लिए अच्छी खबर है क्योंकि ज्यादातर कंपनियां कर्मचारियों की कमी का सामना कर रही हैं और अब वे अपने योग्य कर्मचारियों को रखने में सक्षम होंगी। मतलब साफ है कि 180 दिन की बजाय अब हजारों अप्रवासियों के पास एक और वर्ष है। उन्होंने कहा कि वीजा प्रोसेसिंग बैकलॉग को कम करने की दिशा में यह सही कदम है।