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राम की पैड़ी में डुबकी लगाने से सभी तीर्थों में स्नान का पुण्य प्राप्त हो जाता है

हिंदू धर्म के लिए अयोध्या का खास महत्व है। यहां तमाम ऐसे स्थल हैं, जिनका संबंध मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम से है। इस बारे में कई कथाएं भी प्रचलित हैं। मान्यता है कि यहां सरयू में डुबकी लगाने से अनजाने में हुए पापों से मुक्ति मिल जाती है।

दुनियाभर में बसे करोड़ों लोगों को अयोध्या में बन रहे राम मंदिर का निर्माण पूरा होने का बेसब्री से इंतजार है, ताकि वह अपने आराध्य के दर्शन कर सकें। राम मंदिर तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के मुताबिक दिसंबर 2023 तक राम मंदिर के पहले फ्लोर का काम पूरा हो जाएगा और उसमें भगवान विराजमान हो जाएंगे। इसके साथ ही भक्तों को रामलला के दर्शन करने का मौका मिल जाएगा। ट्रस्ट के मुताबिक साल 2025 तक मंदिर परिसर का निर्माण पूरा होने की उम्मीद है।

अयोध्या हिन्दुओं के प्राचीन और सात पवित्र तीर्थस्थलों में एक है। अयोध्या को अथर्ववेद में ईश्वर का नगर बताया गया है और इसकी तुलना स्वर्ग से की गई है। आज आपको अयोध्या की पवित्र 'राम की पैड़ी' के बारे में बता रहे हैं। जब भी अयोध्या का जिक्र होता है, तो पवित्र सरयू नदी का नाम जरूर लिया जाता है। हिंदू पुराणों में भी सरयू नदी की महिमा का वर्णन किया गया है। अयोध्या में सरयू नदी के तट पर घाटों की एक श्रृंखला है, जिसे 'राम की पैड़ी' कहते हैं। हर साल यहां करोड़ों लोग स्नान करके पुण्य लाभ अर्जित करते हैं। आज आपको इसके महत्व के बारे में बता रहे हैं।

यह है धार्मिक मान्यता

एक बार लक्ष्मणजी तीर्थाटन पर जाना चाह रहे थे, तब सरयू तट पर भगवान राम ने एक लीला दिखाई और बताया कि हर दिन सूर्योदय से पूर्व यहां 'सभी तीर्थ' स्नान के लिए आते हैं। इसलिए सरयू नदी में स्नान करने मात्र से सभी तीर्थों में स्नान का पुण्य प्राप्त हो जाता है। मान्यता है कि यहां सरयू में डुबकी लगाने से अनजाने में हुए पापों से मुक्ति मिल जाती है।

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