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कनाडा: चर्चित सड़क दुर्घटना में सजा काट रहे सिद्धू को भारत भेजे जाने का डर

जसकीरत साल 2014 में पंजाब से कनाडा आए थे। 6 अप्रैल 2018 के दिन जसकीरत सिंह सिद्धू ने सास्काचेवान में आर्मली शहर के पास एक चौराहे पर रेडलाइट जंप कर अपने सेमी ट्रेलर को हॉकी खिलाड़ियों से भरी बस से टकरा दिया था। अंतरराष्ट्रीय मीडिया में इस हादसे की खूब चर्चा रही थी।

जिस कनाडाई भारतीय ने तीन साल पूर्व अपने तेज रफ्तार सेमी ट्रेलर से बस को चकनाचूर कर 16 जूनियर आइस हॉकी खिलाड़ियों (Humboldt Broncos Hocky Team) को मौत की नींद सुला दिया था, अब उसे कनाडा से निर्वासित कर भारत भेजे जाने का डर भी सता रहा है। पंजाबी मूल के इस जसकीरत सिंह सिद्धू का कहना है कि कनाडा का परमानेंट रेजीडेंट होने के नाते उन्हें कनाडा में रहने का एक और मौका दिया जाना चाहिए। यह दुर्घटना सास्काचेवान में आर्मली शहर के पास एक चौराहे पर हुई थी, जहां आरोपी ने रेडलाइट जंप कर अपने वाहन को हॉकी खिलाड़ियों से भरी बस पर चढ़ा दिया था।

इस हादसे में 16 खिलाड़ियों की मौत हो गई थी जबकि 13 अन्य घायल हो गए थे। 

जसकीरत सिंह ने कनाडा की मीडिया सीबीसी को एक साक्षात्कार में कहा कि मैं सिर्फ एक मौका चाहता हूं। मैं समाज को दिखाना चाहता हूं कि मैं बुरा इंसान नहीं हूं। दूसरी ओर जसकीरत के वकील माइकल ग्रीन ने भी दलील दी है कि चूंकि उनके मुवक्किल की कोई आपराधिक पृष्ठभूमि नहीं है, इसलिए उन्हें निर्वासित नहीं किया जाना चाहिए। वकील ने कहा है कि अपराधी स्पष्ट रूप से उस तरह का आदमी नहीं है जो एक और अपराध करेगा।

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