भारत के राज्य पंजाब के चुनावों को लेकर इस बार प्रवासी भारतीय (NRI) कम दिलचस्पी दिखाते नजर आ रहे हैं। वे न तो सोशल मीडिया पर सक्रिय हैं और न ही उनसे मिलने के लिए कोई राजनेता विदेश इस आया है। जहां पिछले चुनाव तक फंडरेजर डिनर के लिए एनआरआई के साथ तस्वीरें साझा की जाती थीं, वह इस बार के चुनावों से गायब हैं। एनआरआई पंजाब में मतदाताओं को किसी पार्टी या उम्मीदवार के पक्ष में कॉल करने, वीडियो साझा करने या व्हाट्सएप संदेश तक नहीं भेज रहे हैं।
उत्तर अमेरिकी पंजाबी एसोसिएशन के कार्यकारी अध्यक्ष सतनाम सिंह चहल ने मीडिया को बताया कि पंजाब के नेतृत्व से प्रवासी भारतीय निराश हैं। इसकी प्रमुख वजह है कि मौजूदा सरकार अपने वादों को पूरा करने में विफल रही है। वहीं कनाडा में एक विश्वविद्यालय के प्रोफेसर हरिंदर संधू ने कहा कि एनआरआई पंजाब में राजनीतिक स्थिति का कोई सार्थक समाधान नहीं देखते हैं। हमने उन राजनेताओं पर से विश्वास खो दिया है जो अब भ्रष्ट मालूम पड़ते हैं, अपने हितों को आगे बढ़ाते हैं और संवैधानिक संस्थाओं को कमजोर करते हैं।