भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अमेरिका की तीन दिवसीय यात्रा को पूरा किया और रविवार सुबह जब वह दिल्ली पहुंचे तो एयरपोर्ट पर उनके राजनैतिक दल भारतीय जनता पार्टी ने उनका भव्य स्वागत किया। प्रधानमंत्री मोदी की अमेरिकी यात्रा को व्यापक रूप से सफल बताया जा रहा है। लेकिन दूसरी ओर सोशल मीडिया पर एक अपमानजनक सामग्री को फैलाया गया और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की छवि को खराब करने की कोशिश की गई।

सोशल मीडिया पर एक तस्वीर वायरल हुई, जिसमें द न्यूयॉर्क टाइम्स के प्रिंट संस्करण के पहले पन्ने को दिखाया गया। पेज पर मुख्य लेख प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर है जिसमें एक दस्तावेज पर हस्ताक्षर करते हुए उनकी तस्वीर है। लेख में शीर्षक है "पृथ्वी की आखिरी और सर्वश्रेष्ठ आशा" और इसके बाद एक सारांश है जिसमें लिखा है कि "दुनिया का सबसे प्रिय और सबसे शक्तिशाली नेता हमें आशीर्वाद देने के लिए यहां है।"
इस लेख को सोशल मीडिया पर ज्यादा से ज्यादा शेयर किया जा रहा है। कुछ भले मानुष लोग और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के प्रशंसक इस खबर को यह मानते हुए साझा कर रहे हैं कि लेख भारतीय प्रधानमंत्री की प्रशंसा में लिखा गया है। जबकि हकीकत कुछ और है।

इंटरनेशनल बिजनेस टाइम्स ने इस वायरल फोटो की समीक्षा की और पाया कि न्यूयॉर्क टाइम्स ने लेख प्रकाशित नहीं किया है। वास्तव में लेख फर्जी है। सबसे पहले अगर आप गौर से देखें तो महीने "सितंबर" की स्पेलिंग गलत है।

दूसरा वायरल हो रहे लेख की भाषा संदिग्ध लगती है। उदाहरण के लिए लेख के ठीक नीचे एक वाक्य है जिसमें लिखा है कि "महामहिम मोदीजी हमारे देश को आशीर्वाद देने के लिए एक खाली ए4 पेपर पर हस्ताक्षर कर रहे हैं... हर हर महादेव। वहीं पीएम मोदी की तस्वीर की बात करें तो यह उनकी आधिकारिक वेबसाइट से ली गई है। गौरतलब है कि लगातार अमेरिका के प्रमुख अखबारों का सहारा लेकर प्रधानमंत्री मोदी के खिलाफ और उनके हक में लगातार लेख और फोटो छापे जा रहे हैं। ऐसे समाचारों को लेकर सोशल मीडिया पर लगातार बवाल होता रहा है। लेकिन अंत में सच्चाई सामने आ ही जाती है।

इस खबर को लेकर भारतीय प्रवासियों के हितों में काम करने वाले न्यूयॉर्क स्थित प्रेम भंडारी कहते हैं कि यह बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है कि कुछ असामाजिक और बेईमान किस्म के लोग भारत के अभी तक के सबसे मजबूत प्रधानमंत्री की छवि खराब करने की असफल कोशिश कर रहे हैं। पीएम मोदी ने सम्मान और शक्ति के मसले पर विश्व स्तर पर भारत को जो प्रतिष्ठा दिलाई है, उसे ये लोग नीचा दिखाने की कोशिश कर रहे हैं।