भारतीय मूल के एक अमेरिकी शोधकर्ता ने यह साबित कर दिखाया है कि एक पोर्टेबल एमआरआई डिवाइस की मदद से आप उन लक्षणों का पता लगा सकते हैं जिससे इंसानी जिंदगी बचाई जा सकती है।
येल स्कूल आफ मेडिसिन में न्यूरोलॉजी और न्यूरोसर्जरी के प्रोफेसर केविन सेठ ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि एमआरआई की यह डिवाइस ग्रामीण अस्पतालों और विकासशील देशों में जिंदगी बचाने में मदद कर सकती है।

शोध में एक पोर्टेबल 'पॉइंट-ऑफ-केयर' एमआरआई सिस्टम डिवाइस की बात की गई है। शोधकर्ताओं ने पाया कि इस डिवाइस का खर्च पारंपरिक एमआरआई की तुलना में बेहद कम है और इसका उपयोग लगभग कहीं भी चिकित्सा तकनीशियनों द्वारा न्यूनतम प्रशिक्षण के साथ किया जा सकता है।