अमेरिका में भारत के राजदूत तरनजीत सिंह संधू ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भारत-अमेरिका संबंधों की क्षमता को समझते हैं। उन्होंने दोनों देशों के बीच विश्वास बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। संधू ने कहा है कि महामारी के बावजूद भारत के प्रधानमंत्री की वजह से पिछले साल 160 अरब अमेरिकी डॉलर का द्विपक्षीय व्यापार का रिकॉर्ड बन पाया है। यह विचार उन्होंने शिकागो शहर में आयोजित एक कार्यक्रम में व्यक्त किए।

इस अवसर पर दो पुस्तकें 'हार्टफेल्ट-द लिगेसी ऑफ फेथ' और 'मोदी@20: ड्रीम्स मीट डिलीवरी' का विमोचन किया गया था। कार्यक्रम में संधू ने कहा कि 140 करोड़ की आबादी के मुखिया के रूप में हमारे प्रधानमंत्री ने हम में से प्रत्येक को बड़े सपने देखने के लिए प्रोत्साहित किया है। सही मायने में उन्होंने आगे बढ़कर हमें दिखाया है कि अगर दृढ़ संकल्प और दृढ़ता के साथ पीछा किया जाए तो इन सपनों को हासिल किया जा सकता है। आइए हम सभी बड़े सपने देखना जारी रखें और उन सपनों को हासिल करने के लिए पूरे जोश के साथ काम करें।
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी भारत-अमेरिका संबंधों की संभावनाओं को समझते हैं और उन्होंने दोनों देशों के बीच विश्वास कायम करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। उन्होंने कहा कि मोदी ने इस संबंध को अपनी दृढ़ता से आकार दिया है और दिखाया है कि केंद्रित और नियमित कार्यों से ठोस परिणाम संभव हैं। संयुक्त राज्य अमेरिका ने भारत को एक प्रमुख रक्षा भागीदार के रूप में नामित किया है जो रक्षा क्षेत्र में हमारे मजबूत सहयोग का आधार है। भारत और अमेरिका किसी भी अन्य देश की तुलना में आज एक दूसरे के साथ अधिक द्विपक्षीय सैन्य अभ्यास करते हैं।

संधू ने बताया कि अमेरिका के साथ भारत का रक्षा व्यापार जो 1990 के दशक के अंत में लगभग शून्य था वह अब 2022 में 20 बिलियन अमेरिकी डॉलर से अधिक हो गया है। इसी तरह ऊर्जा व्यापार जो पांच साल पहले लगभग शून्य था वह अब 20 बिलियन अमेरिकी डॉलर है।
बता दें कि एनआईडी फाउंडेशन के मुख्य संरक्षक सतनाम सिंह संधू ने कहा कि मोदी के राजनीतिक और मानवीय कौशल ने भारत के 'विश्व गुरु' (विश्व नेता) बनने की खोज में प्रवासी भारतीयों की भूमिका को फिर से सबसे महत्वपूर्ण बना दिया है। किसी भी देश की प्रत्येक यात्रा पर प्रधानमंत्री वहां भारतीय समुदाय से मिलने, उनसे बात करने, उनके साथ बातचीत करने और किसी भी समस्या या मुद्दों का जायजा लेने के लिए समय निकालते हैं। विश्व सद्भावना की भावना वैश्विक स्तर पर लोगों और मानवता के लिए माननीय प्रधान मंत्री के प्यार और सम्मान से उत्पन्न होती है।
कार्यक्रम में उपस्थित आर्ट ऑफ लिविंग के संस्थापक श्रीश्री रविशंकर ने कहा कि यह आयोजन कोविड-19 महामारी के 2 साल बाद आया है। पिछले दो वर्षों में दुनिया में बहुत अनिश्चितता, भय और हिंसा हुई है। ऐसे समय में हर किसी को जीवन की आशा होती है और हमारे प्रधान मंत्री जीवन की उसी आशा को हर समुदाय, समाज के हर वर्ग और हर धार्मिक समूह के लिए लाने में लगे हैं।