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क्या अमृता अस्पताल भारत की स्वास्थ्य सेवाओं में मील का पत्थर साबित होगा?

अस्पताल प्रबंधन कह रहा है कि अस्पताल के शुरू होने से स्वास्थ्य सेवा अब उन लोगों का विशेषाधिकार नहीं रहेगी जो महानगरों में स्थित सुपर-स्पेशियलिटी और मल्टी-स्पेशियलिटी अस्पतालों का खर्च उठा सकते हैं। फिलहाल समय बताएगा कि अस्पताल में गरीब-अमीर सबको इलाज की बराबर सुविधा मिलेगी।

भारत के राज्य हरियाणा स्थित फरीदाबाद शहर में आधुनिक तकनीक और सुविधाओं से लैस एक विशाल अमृता अस्पताल-परिसर खुल गया है। इसे एशिया का सबसे बड़ा प्राइवेट अस्पताल माना जा रहा है। माता अमृतानंदमयी मिशन ट्रस्ट द्वारा संचालित करीब 133 एकड़ में फैले इस 2600 बिस्तरों वाले अस्पताल में 81 तरह की विशेष स्वास्थ्य सुविधाएं मिलेंगी। दावा किया जा रहा है कि इस अस्पताल में गरीबों को भी स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएंगी। अस्पताल के निर्माण और परिचालन में 6,000 करोड़ रुपये की लागत आई है।

अस्पताल का विस्तार जारी है। दो साल बाद अस्पताल में बेड की संख्या बढ़कर 750 और पांच साल में एक हजार बेड की हो जाएगी। इसमें 534 क्रिटिकल केयर बेड भी शामिल होंगे। फिर चरण दर चरण इसमें विस्तार करते हुए 2600 बेड का अस्पताल जनता को समर्पित होगा।

फिलहाल पहले चरण में 550 बेड की सुविधाओं के साथ यह अस्पताल शुरू हो गया है। देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को इस अस्पताल का उद्घाटन किया। इस अवसर राज्य के बड़े नेताओं के अलावा ट्रस्ट की प्रमुख आध्यात्मिक गुरु मां अमृतानंदमयी भी मौजूद थीं। माना जा रहा है कि यह अस्पताल भारत की चिकित्सा सेवा में मील का पत्थर साबित होगा, जहां सभी को इलाज मिलेगा।

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