भारत में बनीं एस्ट्राजेनेका वैक्सीन 'कोविशील्ड' की दो डोज लगवाने वाले पर्यटक, छात्र और कामगार अब फ्रांस में प्रवेश कर सकेंगे। यह फैसला तब सामने आया है, जब यूरोपियन यूनियन इस विरोध का सामना कर रही थी कि यूनियन ने सिर्फ यूरोप में बनी एस्ट्राजेनेका वैक्सीन को अनुमति दी हुई है। विशेष बात यह है कि फ्रांस ने अभी तक रूस व चीन की वैक्सीन को मान्यता नहीं दी है।
18, जुलाई यानी रविवार से भारत में बनाई गई 'कोविशील्ड' वैक्सीन लगवा चुके विदेशी पर्यटक फ्रांस में एंट्री कर पाएंगे। फ्रांस के प्रधानमंत्री जीन कास्टेक्स द्वारा शनिवार को दी एक प्रेस स्टेटमेंट के अनुसार बॉर्डर पर जांच में सख्ती की जाएगी। डेल्टा वेरियंट वायरस को फैलने से रोका जाएगा ताकि अस्पतालों में मरीजों की संख्या ना बढ़े।
फ्रांस ने भारत की कोविशिल्ड को दी हरी झंडी, रूस और चीन की वैक्सीन को अभी मान्यता नहीं
फ्रांस ने अभी रूस और चीन में बनीं वैक्सीन को मान्यता नहीं दी है. जबकि भारत में बनीं वैक्सीन को फ्रांस समेत यूरोपियन यूनियन के कई देशों ने मंजूरी दी है।