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पाकिस्तानी नागरिकों को नागरिकता देने पर कहीं गलती तो नहीं कर रहा भारत?

राजस्थान पुलिस ने एक जासूस की कुंडली निकाली तो पता चला है कि आरोपी को साल 2016 में ही भारत की नागरिकता मिली थी और वह पाकिस्तान में जन्मा था। 46 वर्षीय भागचंद कथित तौर पर एक पाकिस्तानी हैंडलर के संपर्क में था और वह 1998 से पाकिस्तान से अपने परिवार के साथ विजिट ​वीजा पर भारत आया था।

बीते दिनों भारत में पाकिस्तान के​ लिए जासूसी करने के आरोप में दिल्ली से गिरफ्तार किए गए एक भारतीय नागरिक की राजस्थान पुलिस ने कुंडली निकाली तो पता चला है कि आरोपी को साल 2016 में ही भारत की नागरिकता मिली थी और वह पाकिस्तान में जन्मा था। 46 वर्षीय भागचंद कथित तौर पर एक पाकिस्तानी हैंडलर के संपर्क में था और वह 1998 से पाकिस्तान से अपने परिवार के साथ विजिट ​वीजा पर भारत आया था।

राजस्थान पुलिस के एक पुलिस अधिकारी ने भारतीय समाचारपत्र को बताया कि भागचंद दिल्ली के संजय कॉलोनी भाटी माइंस में रहता था और जासूसी के लिए पैसे ले रहा था। उसने कथित तौर पर हैंडलर को भारतीय मोबाइल नंबर मुहैया कराए और पाकिस्तान में अपने रिश्तेदारों के जरिए उससे संपर्क किया हुआ था। भागचंद को 14 अगस्त को राजस्थान के भीलवाड़ा से जासूसी के आरोप में गिरफ्तार किए गए नारायण लाल गदरी के बाद गिरफ्तार किया गया था। गदरी ने पूछताछ के दौरान उसका नाम पुलिस को बताया था।

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