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सगाई के 4 साल बाद अब भारत पहुंची पाकिस्तानी, चचेरे भाई से की शादी

दोनों की 2018 में ऑनलाइन सगाई हुई थी और 2020 में शादी करने के लिए वे तैयार थे। लेकिन कोरोना महामारी के प्रकोप के कारण ऐसा नहीं हो सका। शुमैला कहती हैं कि मुझे बहुत अच्छा लग रहा है मानों मैं अपने लोगों के साथ हूं और अजनबियों के साथ नहीं हूं।

आखिर में सीमा पार की बाधाओं पर काबू पाने के बाद पाकिस्तानी नागरिक शुमैला अपने दूर के रिश्तेदार कमल कल्याण से शादी करने के लिए भारत पहुंच गईं। लाहौर की रहने वाली शुमैला अपने रिश्तेदारों के साथ अटारी के इंटीग्रेटेड चेक पोस्ट के जरिए भारत में दाखिल हुईं, जहां जालंधर निवासी कमल कल्याण और उनके परिवार के सदस्यों ने उनका स्वागत किया।

दोनों की 2018 में ऑनलाइन सगाई हुई थी और 2020 में शादी करने के लिए वे तैयार थे। लेकिन कोरोना महामारी के प्रकोप के कारण ऐसा नहीं हो सका। शुमैला कहती हैं कि मुझे बहुत अच्छा लग रहा है मानों मैं अपने लोगों के साथ हूं और अजनबियों के साथ नहीं हूं। मेरे लिए कोई नया नहीं है। यहां सब मेरे हैं।

शुमैला बताती हैं कि उनकी शादी परिवार द्वारा तय की गई थी। (Photo: TOI)

शुमैला बताती हैं कि उनकी शादी परिवार द्वारा तय की गई थी और उन्होंने बस वही किया जो उनसे करने के लिए कहा गया था।  चचेरे भाई के रूप में मैं अक्सर कमल से बात करती थी। हम विभिन्न अवसरों पर वीडियो चैट भी किया करते थे। शुमैला बताती हैं कि लाहौर में उनके भारत आने की बात पक्की होने के बाद उनके दोस्तों के बीच उन्होंने पार्टी की और उसके बाद लगभग सभी दोस्त उन्हें विदाई के तौर पर उनके साथ वाघा बार्डर (पाकिस्तान सीमा) पर आए थे।

कमल कल्याण का जालंधर में कार बाजार नाम से शोरूम है। कमल कहते हैं कि मैंने वही किया जो मेरे पिता और परिवार के अन्य सदस्यों ने तय किया था। कादियान निवासी चौधरी मकबूल अहमद जो स्वयं पाकिस्तान में विवाहित हैं, ने दावा किया कि उन्होंने शुमैला और कमल को यात्रा संबंधी औपचारिकताओं आदि को पूरा करने में मदद की थी। उन्होंने केंद्र सरकार से वीजा औपचारिकताओं को सरल बनाने का आग्रह किया था ताकि बोझिल यात्रा औपचारिकताओं से गुजरे बिना सीमाओं की वजह से दूर बैठे परिवारों के बीच शादियां हो सकें।

शुमैला ने कहा कि वीजा दिए जाने से पहले उसे दो बार आवेदन करना पड़ा था। उन्होंने भारतीय समाचारपत्र टाइम्स आफ इंडिया को बताया कि ऐसे बहुत से लोग हैं जो यात्रा करना चाहते हैं। लेकिन बोझिल वीजा औपचारिकताओं के कारण उनका उत्साह कम हो गया है। दोनों देशों की सरकारों को प्रक्रिया को सरल बनाना चाहिए।

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