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यासीन मलिक दोषी करार, पाकिस्तान नाराज, राजदूत को तलब किया गया

पाकिस्तान ने भारत सरकार से मलिक को सभी निराधार आरोपों से बरी करने और जेल से तत्काल रिहा करने का आह्वान किया है ताकि वह अपने परिवार के साथ फिर से मिल सके, अपना स्वास्थ्य ठीक कर सके और सामान्य जीवन में लौट सके।

टेरर फंडिंग केस में कश्मीरी अलगाववादी नेता यासीन मलिक पर भारत में लगाए गए आरोपों को लेकर पाकिस्तान में भारत के राजदूत प्रभारी को तलब किया गया और विदेश मंत्रालय बुलाया गया। पाकिस्तान में भारत के प्रभारी राजदूत को एक विरोधपत्र सौंपा गया, जिसमें यासीन मलिक पर लगे आरोपों को पाकिस्तान ने मनगढ़ंत बताया और कहा कि इस्लामाबाद इसकी कड़ी निंदा करता है।

पाकिस्तान के विदेश कार्यालय ने बुधवार देर रात एक बयान में कहा कि कश्मीरी हुर्रियत नेता मलिक फिलहाल दिल्ली की तिहाड़ जेल में कैद है। भारतीय राजनायिक को यासीन मलिक को लेकर पाकिस्तान की गंभीर चिंता से अवगत कराया गया है कि भारत सरकार ने स्वदेशी कश्मीरी नेतृत्व की आवाज को दबाने के लिए मलिक को झूठे मामलों में फंसाया है।

बयान में कहा गया कि भारतीय पक्ष यानी भारत के प्रभारी को मलिक के दिल्ली की तिहाड़ जेल में अमानवीय परिस्थितियों में साल 2019 से कैद में रखे जाने को लेकर पाकिस्तान की गहरी चिंता से भी अवगत कराया गया। पाकिस्तान ने भारत सरकार से मलिक को सभी निराधार आरोपों से बरी करने और जेल से तत्काल रिहा करने का आह्वान किया है ताकि वह अपने परिवार के साथ फिर से मिल सके, अपना स्वास्थ्य ठीक कर सके और सामान्य जीवन में लौट सके।

बता दें कि मलिक को साल 2017 में कश्मीर घाटी में माहौल खराब करने, आतंकवाद और अलगाववादी गतिविधियों से संबंधित एक मामले के अलावा Unlawful Activities Prevention Act (UAPA) के तहत दिल्ली की अदालत में दोषी पाया गया है।

मालूम हो कि जम्मू एवं कश्मीर को लेकर भारत ने पाकिस्तान को बार बार समझाया है कि जम्मू-कश्मीर देश का अभिन्न अंग था, है और रहेगा। इसी के चलते भारत सरकार ने पाकिस्तान को वास्तविकता को स्वीकार करने और भारत विरोधी सभी प्रचार को रोकने की भी सलाह दी है।

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