ऑस्ट्रेलिया में भारतीय लोगों के प्रवास (माइग्रेशन) की कहानी 1800 के दशक में शुरू हुई थी, जब ब्रिटिश औपनिवेशिक अफसरों ने उन्हें गिरमिटिया मजदूरों के रूप में वहां भेजा था। फिर इनमें से अधिकांश वहीं बस गए।
तब से लेकर अब तक ऑस्ट्रेलिया में भारतीय प्रवासियों की संख्या में नाटकीय ढंग से बढ़ोतरी हुई है। ऑस्ट्रेलियाई रिकॉर्ड के मुताबिक 20वीं शताब्दी की शुरुआत में वहां करीब 6500-7000 भारतीयों की मौजूदगी थी। 2001-17 की अवधि में करीब 4 लाख भारतीय ऑस्ट्रेलिया चले गए, इनमें तमाम छात्र भी शामिल हैं।
2006 से 2016 के बीच स्किल्ड और शिक्षा से संबंधित माइग्रेशन में काफी वृद्धि हुई है, जो भारत में जन्मी आबादी की संख्या के दोगुने से भी ज्यादा है। माइग्रेशन में यह वृद्धि उस दौर में हुई, जब ऑस्ट्रेलिया में माइनिंग इंडस्ट्री में उछाल आया और अर्थव्यवस्था में लेबर की शॉर्टेज हो गई।
