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भारत में चीन से भी ज्यादा स्टार्टअप बनीं 'यूनिकॉर्न', पर मुनाफे में बस इतनी

लगातार दूसरे साल भारत ने नए यूनिकॉर्न स्टार्टअप खड़ी करने के मामले में चीन को पछाड़ दिया है। हालांकि भारत की 114 यूनिकॉर्न कंपनियों में से जिन 80 का डेटा सार्वजनिक रूप से उपलब्ध है, उनमें से महज 17 ही मुनाफे में हैं।

Photo by Mika Baumeister / Unsplash

नए उद्यमों के लिए भारत की भूमि खासी उर्वरक साबित हो रही है। एक हालिया रिपोर्ट में कहा गया है कि लगातार दूसरे साल 2022 में भारत ने नए यूनिकॉर्न कंपनियां खड़ी करने के मामले में चीन को पछाड़ दिया है। हालांकि एक अन्य रिपोर्ट में दावा किया गया है कि भारत में 114 यूनिकॉर्न कंपनियां हैं जिनमें से 80 स्टार्टअप्स का डेटा सार्वजनिक रूप से उपलब्ध है और इनमें से महज 17 यूनिकॉर्न स्टार्ट-अप ही मुनाफे में हैं। बता दें कि यूनिकॉर्न कंपनी वह होती है, जिसका वैल्यूएशन एक बिलियन (लगभग 8000 करोड़ रुपए) होता है।  

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पिछले दो वर्षों में लगभग 16 स्टार्ट-अप्स अपना यूनिकॉर्न स्टेटस खो चुके हैं। Photo by Per Lööv / Unsplash

मार्केट रिसर्च प्लेटफॉर्म Tracxn की रिपोर्ट में दावा किया गया है कि भारत के लाभदायक यूनिकॉर्न स्टार्टअप्स में स्टॉक ब्रोकरेज प्लेटफॉर्म जेरोधा, सॉफ्टवेयर कंपनी जोहो, ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म फर्स्टक्राई, फिनटेक फर्म बिलडेस्क आदि शामिल हैं। इनकी मुनाफा क्रमशः 2,094 करोड़ रुपये (FY22), 2,747 करोड़ (FY22), 215.4 करोड़ (FY21), 245.6 करोड़ (FY21) रहा है। ये आंकड़े FY21 और FY22 में दाखिल इनके वित्तीय विवरणों से लिए गए हैं।

इस सूची में अन्य लाभदायक स्टार्ट-अप्स में मोल्बियो डायग्नोस्टिक्स, यूनीफोर, एक्सप्रेसबीज, फिजिक्सवाला, आईपीओ-बाउंड मामाअर्थ और कॉइन डीसीएक्स इत्यादि भी हैं। कुछ विशेष मामले भी हैं। उदाहरण के तौर पर फिनटेक कंपनी PhonePe का 2016 में फ्लिपकार्ट ने अधिग्रहण किया था, लेकिन इस साल इसने वॉलमार्ट के स्वामित्व वाले फ्लिपकार्ट से खुद को अलग कर लिया है। इसकी स्थिति अनिश्चित बनी हुई है। PhonePe ने अपना मुख्यालय सिंगापुर से भारत में शिफ्ट कर लिया है।

Tracxn के डेटा से पता चला है कि पिछले दो वर्षों में लगभग 16 स्टार्ट-अप्स अपना यूनिकॉर्न स्टेटस खो चुके हैं। ये इसलिए क्योंकि या तो उनका अधिग्रहण कर लिया गया या वे स्टॉक एक्सचेंजों में सूचीबद्ध हो गए। Tata1mg, Blinkit, Rivigo, BigBasket, Flipkart, ShopClues जैसे स्टार्ट-अप्स का यूनिकॉर्न स्टेटस बदल चुका है क्योंकि उनका अधिग्रहण हो चुका है।

BigBasket और Tata1mg का Tata Digital ने अधिग्रहण कर लिया है। हालांकि सबसे बड़ा सौदा ई-कॉमर्स की दिग्गज कंपनी फ्लिपकार्ट और रिटेल दिग्गज वॉलमार्ट के बीच हुआ है। पिछले दो वर्षों में कुछ कंपनियों ने शेयर बाजारों में अपनी शुरुआत की है, जैसे Paytm, Zomato, Nykaa, Delhivery, PolicyBazaar और Five Star Business Finance इत्यादि।

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