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जर्मनी में आयोजित भोज में नेताजी की बेटी ने अतिथि पुस्तिका में लिखा 'जय हिंद'

प्रतिमा को लेकर अनीता बोस-फाफ ने कहा कि मेरे पिता ने एक ऐसे भारत का स्वप्न देखा था जहां सभी धर्मों के लोग शांतिपूर्ण तरीके से साथ मिल कर रह रहे हों। नेताजी को एकमात्र श्रद्धांजलि प्रतिमा ही नहीं होनी चाहिए। हमें उनके मूल्यों का भी सम्मान करना चाहिए।

भारत के स्वतंत्रता संग्राम के महानायक नेताजी सुभाष चंद्र बोस की 125वीं जयंती के अवसर पर जर्मनी में भारतीय दूतावास ने नेताजी की बेटी डॉ. अनीता बोस-फाफ के लिए रात्रिभोज का आयोजन किया। दूतावास ने ट्विटर पर बताया कि अनीता बोस-फाफ ने अतिथि पुस्तिका में 'जय हिंद' लिखते हुए दस्तखत भी किए। यहां राजदूत हरीष पर्वतानेनी ने डॉ. अनीता का स्वागत किया। डॉ. अनीता अब जर्मनी में ही रहती हैं।

बता दें कि नेताजी का जन्म 23 जनवरी 1897 को बंगाल के एक संपन्न परिवार में हुआ था। भारत में उनकी 125वीं जयंती 'पराक्रम दिवस' के रूप में मनाई गई। इस मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राष्ट्रीय राजधानी नई दिल्ली में स्थित इंडिया गेट पर उनकी एक विशेष होलोग्राम प्रतिमा का अनावरण भी किया। इस होलोग्राम प्रतिमा को बाद में नेताजी की ग्रेनाइट की बनी विशाल प्रतिमा से विस्थापित किया जाएगा।

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