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ऐसा क्या खास है जर्मनी में, पढ़ाई के लिए रूझान बढ़ रहा है भारतीय छात्रों में!

यह अध्ययन जर्मन एकेडमिक एक्सचेंज सर्विस (DAAD) की ओर से किया गया है। संस्था के अध्यक्ष डॉ. जयब्रतो मुखर्जी ने कहा कि जर्मनी में अंतरराष्ट्रीय छात्रों को सुविधाएं देने के लिए उठाए गए कदमों का भी सकारात्मक असर देखने को मिल रहा है। यह सर्वे नए साल की ओर सकारात्मक संकेत देने वाला है।

हिमन रॉय चौधरी, बैचलर ऑफ इंजीनियरिंग (मैकेनिकल) पूरा कर रहे हैं। गेल्सेंकिर्चेन यूनिवर्सिटी ऑफ एप्लाइड साइंसेज, उत्तर पश्चिम जर्मनी का सुंदर माहौल।

कोरोना वायरस महामारी की वजह से लगाए गए अंतरराष्ट्रीय यात्रा प्रतिबंधों के झटके से जर्मनी तेजी से उबर रहा है। इसके साथ ही जर्मनी विदेश में पढ़ाई करने की इच्छा रखने वाले भारतीय छात्रों के पसंदीदा केंद्रों में से एक के रूप में अपनी स्थिति को फिर से प्राप्त कर रहा है। हाल ही में किए गए एक सर्वे में सामने आया है कि वर्तमान शीतकालीन सत्र में जर्मनी के विश्वविद्यालयों में अंतरराष्ट्रीय छात्रों की संख्या में फिर से इजाफा देखा गया है। यह अध्ययन जर्मन एकेडमिक एक्सचेंज सर्विस (DAAD) ने किया गया है।

हिमन रॉय चौधरी, बैचलर ऑफ इंजीनियरिंग (मैकेनिकल) पूरा कर रहे हैं। गेल्सेंकिर्चेन यूनिवर्सिटी ऑफ एप्लाइड साइंसेज, उत्तर पश्चिम जर्मनी का खूबसूरत परिसर।



वर्ष 2021 में जब कोविड के चलते जब जर्मनी की सरकार ने कई देशों के लिए सख्त यात्रा प्रतिबंध लागू कर दिए थे, तब ग्रीष्मकालीन सत्र के लिए छात्रों के प्रवेश की संख्या में काफी गिरावट आई थी। इन देशों में भारत भी शामिल था। सर्वे के अनुसार वर्तमान समय में जर्मनी के विश्वविद्यालयों में कम से कम तीन लाख 30 हजार अंतरराष्ट्रीय छात्र पढ़ाई कर रहे हैं। महामारी के एक बार फिर सिर उठाने के बाद भी पहले सेमेस्टर के अंतरराष्ट्रीय छात्रों की संख्या में इजाफा हुआ है। इस अध्ययन में यहां के लगभग 160 विश्वविद्यालयों को शामिल किया गया था।  

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