सोशल मीडिया की तलवार की ‘धार’ अब ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी में स्टूडेंट यूनियन के प्रेसीडेंट पर जीत हासिल करने वाली एक भारतीय छात्रा पर पड़ी है। उनके पुराने पोस्ट का सहारा लेकर उन्हें नस्लभेदी बताया गया और हेट-मेल कर उनके माता-पिता को भी टारगेट किया गया। सोशल मीडिया की इस ‘बकवास’ का इस स्टूडेंट पर इतना बुरा असर पड़ा कि उसे अस्पताल तक में दाखिल होना पड़ा। इस मसले पर इस भारतीय स्टूडेंट ने सोशल मीडिया पर ओपन लेटर जारी किया है और बताया कि कैसे उन्हें टारगेट कर इस्तीफा देने के लिए मजबूर किया गया ।
हम बात कर रहे हैं ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी में स्टूडेंट यूनियन के प्रेसीडेंट पद पर जीत हासिल करने वाली पहली भारतीय किशोरी रश्मि सावंत की। जिन्होंने इस मसले पर अपना पहला आधिकारिक बयान एक ओपन लेटर के तौर पर सोशल मीडिया पर शेयर किया है। सावंत ने उस लेटर के माध्यम से बताया कि कैसे मार्च में उनकी पुरानी पोस्ट के आधार पर उन्हें नस्लभेदी और असंवेदनशील बता दिया गया और उन्हें कैसे इस्तीफा देने के लिए मजबूर कर दिया गया।
